नई दिल्ली: राहुल द्रविड़ एक बेजोड़ तकनीक वाले बल्लेबाज थे लेकिन उनका मानना है कि अगर वे आज के समय में बैटिंग करते तो टिक ना पाते क्योंकि अब जिस तरह से स्ट्राइक रेट बहुत ऊंची दर पर पहुंच चुका है, उसको बरकरार रखना उनके लिए मुश्किल बात थी।
हालांकि द्रविड़ का कहना है कि डिफेंसिव बैटिंग तकनीक आज के समय में भी महत्वपूर्ण बनी हुई है। लेकिन इसकी मांग जरूर कमतर हुई है।
द्रविड़ ने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे लोगों ने वनडे क्रिकेट में नया ही मुकाम छुआ है जबकि चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाजों की टेस्ट क्रिकेट में हमेशा से जरूरत है। द्रविड़ ने कहा कि वे खुद को डिफेंसिव बल्लेबाज कहलाने से कोई ऐतराज नहीं करते हैं क्योंकि वह हमेशा से टेस्ट प्लेयर बनना चाहते थे।
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ईएसपीएनक्रिकइंफो पर संजय मांजरेकर से बात करते हुए दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, "मैंने क्रीज पर लंबा समय बिताया ताकि गेंदबाज थक सकें और नई गेंद की चमक फीकी पड़ सके।"
द्रविड़ ने आगे कहा- "मैंने इसको अपनी जॉब की तरह से देखा और यही किया...इसका ये मतलब नहीं है कि मैं वीरेंद्र सहवाग की तरह से बल्लेबाजी करना नहीं चाहता था और ऐसे छक्के मारना नहीं चाहता था लेकिन शायद मेरी प्रतिभा दूसरी तरह की थी। मेरी प्रतिभा मजबूती से ध्यान लगाकर टिके रहना थी, और मैंने इस पर काम किया," द्रविड़ ने आगे जोड़ा।
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इसके अलावा द्रविड़ ने स्पिन के मामले में चेतेश्वर पुजारा को अपने से भी बेहतर बल्लेबाज बताया है।
उन्होंने कहा, 'वह स्पिन के खिलाफ असाधारण हैं। वह धीमी गति से शुरुआत कर सकता है लेकिन एक बार एक स्पिनर के आने के बाद वह कई लोगों और यहां तक मुझसे भी बेहतर होता है, और मेरा मतलब छक्के मारने से नहीं है। जिस तरह से वह स्ट्राइक रोटेट करता है और वह अपने पैरों का उपयोग कैसे करता है ... मुझे याद है कि उसने लगभग हर एक गेंद को बाहर निकालकर नाथन लियोन को बाहर निकाल दिया था। और यह एक विश्व स्तरीय गेंदबाज है जिसकी हम बात कर रहे हैं। पुजारा ने इसे बहुत आसान बना दिया और मैंने बहुत से लोगों को ऐसा करते हुए नहीं देखा, "द्रविड़ ने कहा।