नई दिल्ली। दिल्ली क्रिकेट एवं जिला एसोशिएसन (डीडीसीए) के अध्यक्ष रजत शर्मा ने शनिवार को सभी को चौंकाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। रजत शर्मा ने अपने ऊपर संस्थान के अंदर लगातार कई तरह के दबाव बनाने का दावा करते हुए इस्तीफा दिया। रजत शर्मा लगभग 20 महीने से डीडीसीए के अध्यक्ष के रूप में जुड़े हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि रजत शर्मा ने यह इस्तीफा डीडीसीए के महासचिव विनोद तिहारा के साथ सार्वजनिक मतभेदों के चलते दिया है, जिन्हें संगठन में काफी समर्थन प्राप्त है।
रजत शर्मा ने अपने बयान में कहा, 'दिल्ली क्रिकेट एवं जिला प्रशासन में हर समय खींचतान और दबाव से भरा माहौल बना रहता है। मुझे लगता है कि सक्रिय क्रिकेट में खुद से जुड़े स्वार्थ हमेशा ही खेल के लिये घातक साबित होते हैं।'
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उन्होंने कहा, ' मेरे लिए डीडीसीए में अपनी ईमानदारी, सच्चाई के सिद्धांतों और पारदर्शिता को ताक पर रखकर काम कर पाना संभव नहीं है, और मैं किसी भी हाल में अपने जीवन के इन सिद्धांतों के साथ समझौता करने को तैयार नहीं हूं।'
इस्तीफा देने के बाद रजत शर्मा ने कहा,' अपने कार्यकाल के दौरान मेरे रास्ते में बाधा पैदा की गई, मेरा विराध किया गया और कई तरीकों से उत्पीड़ित भी किया गया लेकिन मैनें निष्पक्ष और पारदर्शिता के रास्ते काम करना नहीं छोड़ा।'
उन्होंने कहा, 'इसीलिए अंत में मैं इस निर्णय पर पहुंचा हूं और मैं तत्काल प्रभाव से डीडीसीए के अध्यक्ष पद से सर्वोच्च परिषद को अपना इस्तीफा सौंपता हूं।
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गौरतलब है कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के सक्रिय समर्थन के बाद रजत शर्मा डीडीसीए में शामिल हुए थे। डीडीसीए में शामिल कई अधिकारियों का मानना है कि अरुण जेटली की मृत्यु के बाद रजत शर्मा ने अपनी पकड़ को खो दिया क्योंकि एक वही थे जो डीडीसीए में बंटे कई गुटों को एक साथ लेकर आते थे।