नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान साैरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है। इसका ऑफिशियली ताैर पर ऐलान बीसीसीआई के पूर्व सदस्य राजीव शुक्ला ने किया है। शुक्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने सौरव गांगुली को BCCI अध्यक्ष के रूप में चुना है, 23 अक्टूबर को इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
इसके पहले ही खबर आ रही थी कि सौरव गांगुली का BCCI का अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। जिसकी अब सार्वजनिक घोषणा हो गई है। इस अध्यक्ष पद की रेस में सौरव गांगुली के अलावा बृजेश पटेल के नाम पर चर्चा की गई थी। बताया जाता है कि चयन प्रक्रिया क दौरान जमकर हंगामा भी हुआ। लेकिन फाइनल बाजी सौरव गांगुली ने जीत ली। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को BCCI का सचिव नियुक्त किया जा सकता है।
सौरव गांगुली ने बताया कैसा है BCCI अध्यक्ष के पद पर चुना जाना, कहा- याद आया साल 2000
सौरव गांगुली ने कहा कि उनके लिये यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है क्योंकि वह ऐसे समय में बोर्ड की कमान संभालने जा रहे हैं जब उसकी छवि काफी खराब हुई है। गांगुली ने कहा, मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं जब पिछले तीन साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसकी छवि बहुत खराब हुई है। मेरे लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल होगी।
गांगुली का इरादा भारतीय क्रिकेट के सभी पक्षों से मिलने का और वे सारे काम करने का है जो पिछले 33 महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर सकी। उन्होंने कहा, पहले मैं सभी से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा। मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा। मैं तीन साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। सबसे पहले मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरूस्त करूंगा।
कूलिंग ऑफ अवधि के कारण उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18000 से अधिक रन बना चुके पूर्व कप्तान ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, यह विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन है और जिम्मेदारी तो है ही, चाहे आप निर्विरोध चुने गए हों या नहीं। भारत क्रिकेट की महाशक्ति है तो यह चुनौती भी बड़ी होगी।
यह पूछने पर कि कार्यकाल सिर्फ नौ महीने का होने का क्या उन्हें अफसोस है, उन्होंने कहा, हां, यही नियम है और हमें इसका पालन करना है। उन्होंने कहा, जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैंने बृजेश का नाम लिया। मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं। मैंने कभी बीसीसीआई चुनाव नहीं लड़ा तो मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है। गांगुली ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वह भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ऐसा कुछ नहीं है। मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा।