नई दिल्लीः भारत को छोड़कर एशिया की हर टीम ऑस्ट्रेलिया में संघर्ष करती हुई दिखी है। पाकिस्तान के लिए अभी भी ऑस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर रौंदना दूर की कौड़ी दिखाई देता है लेकिन पीसीबी के चेयरमैन रमीज रजा को यकीन है पाकिस्तान ऐसा कर पाएगा। रमीज रजा का कहना है कि जब तक ऑस्ट्रेलिया की टीम को हरा नहीं दिया जाता तब तक वे चैन की सांस नहीं लेंगे। उसके लिए उनका पूरा ध्यान पाकिस्तान क्रिकेट में उसी हिसाब का ढांचा खड़ा करने पर है।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रमीज रजा ने अपनी टीम के विदेशी दौरों पर तैयारियों को पुख्ता करने के लिए ड्रॉप-इन पिचों का इस्तेमाल करने का मन बनाया है। रमीज इस दौरान पाकिस्तान की टीम की तरक्की की तारीफ करते हैं। वे हालांकि मानते हैं कि पाकिस्तान की फील्डिंग में सुधार की कुछ गुंजाइश अभी भी है।
केवल भारत ही ऑस्ट्रेलिया की मांद में घुसकर उनको पछाड़ने में कामयाब रहा है। ये रवि शास्त्री के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। भारत ने लगातार दो सीरीज में ऐसा करके दिखाया है।
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उन्होंने क्रिकविक से बात करते हुए कहा, पाकिस्तान को अपनी फील्डिंग में काफी सुधार करना होगा। मैं पिछले तीन महीनों से पीसीबी के साथ काम कर रहा हूं इसके बावजूद ऐसा लगता है 30 साल गुजर चुके हैं। मुझे अब पता लगा है छुट्टी की कितनी अहमियत होती है।
रमीज ने इस दौरान यह भी कहा कि जिस तरह से इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने सलूक किया है उसके खिलाफ उन्होंने एशियन क्रिकेट काउंसिल में आवाज उठाई है। फिर भी यह ध्यान देने वाली बात है कि कीवी अगले साल क्रिकेट सीरीज खेलने के लिए पाकिस्तान आएंगे।
59 साल के रजा ने फिर कोचिंग के ऊपर अपना नजरिया दिया। उनका कहना है कि निचले स्तर पर कोचों की नियुक्ति करने से पाकिस्तान क्रिकेट को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा, "जब कोचों के साथ लंबे कॉन्ट्रैक्ट बंध जाते है तो यह चीजें ज्यादा काम नहीं करती। पीसीबी को नए कोच नहीं बल्कि स्पेशलिस्ट की जरूरत है। कोचों को निचले लेवल पर नियुक्त करना पाकिस्तान क्रिकेट के लिए ज्यादा मुफीद होगा। कोच को विदेशी होना चाहिए या फिर वफादार? पीसीबी अभी इस बात को तय करेगा।"