नई दिल्ली। आखिर रणजी ट्रॉफी को इस सत्र का चैंपियन मिल गया है। सौराष्ट्र और विदर्भ के बीच खेले जा रहे फाइनल मैच को विदर्भ ने जीत लिया है। इस साल की खिताबी को अपने नाम करने वाली विदर्भ की टीम का यह लगातार दूसरा रणजी खिताब है। विदर्भ की जीत के नायक रहे आदित्य सरवाटे (6/59) और अक्षय वाखरे (3/37) जिन्होंने धारधार गेंदबाजी कर सौराष्ट्र को अंतिम पारी में केवल 127 रनों पर ढेर कर दिया। इसके साथ ही विदर्भ ने यह मैच 78 रनों से जीत लिया।
वहीं, चेतेश्वर पुजारा जैसे स्टार बल्लेबाज से सजी सौराष्ट्र की टीम का तीसरी बार रणजी चैंपियन बनने का रिकॉर्ड टूट गया। जबकि विदर्भ के कप्तान फज़ल फैजल लगातार दो बार खिताब जीतने वाले रणजी ट्रॉफी इतिहास के 11वें कप्तान बन गए हैं। सबसे ज्यादा बार रणजी खिताब जीतने का रिकॉर्ड बापू नादकर्णी के नाम है जिन्होंने मुंबई के लिए लगातार तीन बार खिताब जीता था। विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम में खेले गए इस मैच में विदर्भ ने अपनी पहली पारी में 312 रन बनाए थे जिसके जवाब में सौराष्ट्र की टीम 307 रन बना पाई थी।
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स्टार बल्लेबाज पुजारा इस पारी में फेल हो गए थे। उन्होंने केवल 1 ही रन का योगदान किया। जबकि विदर्भ की ओर से आदित्य सरवाटे ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट लिए थे। हालांकि विदर्भ की दूसरी पारी भी धर्मेंद्रसिंह जडेजा( 6/96) के सामने सिर्फ 200 रन पर सिमट गई थी और अब सौराष्ट्र के सामने जीत के लिए अंतिम पारी में केवल 206 रनों का लक्ष्य था। खास बात यह रही कि गेंदबाजी में कमाल करने वाले सरवाटे ने विदर्भ की दूसरी पारी में भी सबसे ज्यादा 49 रनों का स्कोर बनाया। बाद में सरवाटे ने सौराष्ट्र को 127 रनों पर समेटने में भी अहम भूमिका निभाई। सरवाटे ने मैच में कुल 11 विकेट लिए। उनको शानदार प्रदर्शन के बूते मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया है।