क्या है इसका इतिहास?
रणजी ट्रॉफी का आयोजन पहली बार साल 1934 में हुआ था। रणजी ट्रॉफी भारत का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट है। इस टूर्नामेंट का नाम सबसे पहले 1934 में क्रिकेटर रणजीत सिंह के नाम पर रखा गया था। मुंबई ने अपने इतिहास में 41 बार रणजी ट्रॉफी का रिकॉर्ड जीता है तथा वसीम जाफर 10,738 रन के साथ शीर्ष स्कोरर हैं।
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भारतीय क्रिकेट के इतिहास में रणजीत सिंह देश के ऐसे पहले ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें इंग्लैंड की क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिला था। उस समय पटियाला महाराज ने इंग्लैंड के लिए 15 टेस्ट मैचों में 45 के औसत से 989 रन बनाए थे। रणजीत सिंह का बल्ला प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खूब चला और उन्होंने 72 शतक के अलावा 109 अर्धशतक भी जड़े। उन्होंने 300 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें 24 हजार 692 रन बनाए। रणजीत सिंह का निधन 60 बरस की उम्र में 2 अप्रैल 1933 को हो गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 1934 से ही उनके नाम पर रणजी ट्रॉफी की शुरुआत की।
रणजी ट्रॉफी मैच 4 दिन लंबा चलता है, तथा इसका एक सीजन करवाने के लिए लंबा समय लगता था। यह लगभग स्पष्ट है कि आईपीएल का 14 वां सीजन 14 अप्रैल के बीच होगा। इसलिए बीसीसीआई के पास रणजी ट्रॉफी की मेजबानी के लिए केवल दो महीने का समय था, जो पर्याप्त नहीं हो सकता था। ऐसे में बीसीसीआई ने 50 ओवर के विजय हजारे ट्रॉफी की मेजबानी करने का फैसला किया है।