अंग्रेजी न बोल पाने की वजह से लोगों ने उठाए सवाल
कपिलदेव ने इस समारोह के दौरान बोलते हुए कहा कि मैं एक किसान परिवार से आता था जबकि मेरे बाकि साथी पढ़ें-लिखे अंग्रेजीदा परिवार से थे। जब हम साथ में खेलते तो ज्यादातर अंग्रेजी में ही एक दूसरे से बात करते थे। मुझे अंग्रेजी नहीं आता था। जब मुझे कप्तान बनाया जा रहा था तो कई लोगों ने कहा कि चूंकि मुझे अंग्रेजी नहीं आती इसलिए मेरे को कप्तान न बनाया जाए।
कपिल ने ऐसे कराया सबको चुप
कपिल देव ने बताया कि उन्होंने जब ये बातें सुनी तो उन्होंने कहा कि ठीक है फिर आप किसी को अंग्रेजी में बात करने के लिए ऑक्सफोर्ड से ले आइए और मैं क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा। 1983 वर्ल्ड कप को याद करते हुए कहा कि शुरूआत में हम मानसिक रूप से मजबूत नहीं थे लेकिन कुछ मैंचो को जीतने के बाद हमारा हौसला बढ़ा और फिर हमने इतिहास रच दिया।
1983 की जीत ने भारत में किक्रेट को बढ़ावा दिया
वहीं इस फिल्म के बारे में बात करते हुए कबीर खान ने कहा कि मैं उस समय स्कूल में पढ़ता था जब 1983 में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीता था। मुझे उस वक्त अंदाजा नहीं था कि यह जीत आने वाले दिनों में भारत में क्रिकेट के इतिहास को बदल कर रख देगा। ऐसे में यह एक शानदार स्टोरी है जिस पर फिल्म जरूर बननी चाहिए।