रैपर बादशाह हुए इमोशनल
उन्होंने युवराज की तस्वीर के साथ एक पोस्ट लिखते हुए अपनी भावनाएं कुछ इस तरह से जाहिर की- 'इस तस्वीर में जो इंसान है वह मेरे लिए हमेशा एक लीजेंड रहेगा। युवी पाजी के कारण ही आज शायद में यहां पर हूं। कैसे चंडीगढ़ का एक छोटा बच्चा अपने खेल में नई ऊंचाईयों को छूता हुआ विश्व स्तरीय बन गया। उन्होंने चंडीगढ़ के बहुत से बच्चों को उम्मीदें दी हैं। उनमें से एक मैं भी था। उन्होंने अपने खेल से बताया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस शहर से आते हों, फर्क इससे पड़ता है कि आप जाना कहा चाहते हों। एक टिपिकल चंडीगढ़ का लड़का जो अपनी कारों और खाने से प्यार करता है वह लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।'
|
मैदान पर 'शेरखान' और बाहर 'बघीरा'
बादशाह ने आगे बताया कि उन्होंने युवराज से यह भी सीखा कि चुपचाप अपना काम करते रहना चाहिए। जो आपको नीचा दिखाना चाहते हैं उनकी परवाह नहीं करनी चाहिए। युवराज का काम शेर की तरह से गरजा है और इस बात को उनके विरोधियों का चेहरा देखकर समझा जा सकता था। बादशाह आगे लिखते हैं- 'मैदान पर शेरखान और मैदान के बाहर बघीरा।' युवी के बारे में दिल को छूने वाली कई बातें करते हुए बादशाह अंत में लिखते हैं कि वे बहुत लकी रहे जो उन्होंने युवराज को खेलते हुए देखा। उन्होंने यह स्वीकार किया कि वे ये मैसेज लिखते हुए इमोशनल हो रहे हैं। उन्होंने अपनी बात का समापन यह कहते हुए किया कि अब नंबर 12 जर्सी का कोई ऐसा योग्य दावेदार नहीं मिलेगा।
नहीं मानी कभी हार-
युवराज सिंह ने लगभग 17 साल तक क्रिकेट खेला और पिछले दो सालों से वो टीम में नहीं चुने जा रहे थे। अपनी फील्डिंग, स्ट्रोक मेकिंग के लिए विश्व क्रिकेट में विख्यात युवी को शॉट फॉर्मेट का बेताज बादशाह कहा जाता है। भारतीय टीम को टी-20 वर्ल्ड कप (2007) और 2011 वर्ल्ड कप चैंपियन बनाने वाले इस खिलाड़ी ने साल 2017 के चैम्पियंस टॉफी में इंग्लैंड के खिलाफ अपने ODI करियर का सर्वाधिक रन बनाया था। उन्होंने कटक में 127 गेंदों में 150 रनों की पारी खेली जिसमें 21 चौके और 3 छक्के शामिल थे। युवी को विंडीज के दौरे पर भी 2017 में चुना गया था लेकिन 30 जून को खेले गए मैच के बाद कभी उन्हें फिर से ब्लू जर्सी पहनने का मौका नहीं मिला।
2016 में वापसी करने से पहले क्यों रो पड़े थे युवराज, पत्नी हेजल ने खोला राज