हेड कोच का चयन तय करने वाले 5 पहलू-
इन पांच पहलुओं में कोचिंग की जानकारी, अनुभव, उपलब्धियां, संवाद और आधुनिक उपकरणों की समझ शामिल थी। कपिल ने बताया कि इन मापदंडों पर अंक देने के लिए चार तरह की कैटेगरी बनाई थी। यह कैटेगरी- बहुत अच्छे, अच्छे, औसत और खराब के तौर पर बांटी गई थी। बहुत अच्छे के लिए 20 अंक, अच्छे के लिए 15 अंक, एवरेज के लिए 10 अंक और खराब के लिए 5 अंक तय किए गए थे। कपिल ने इस अंक सिस्टम की जानकारी देते हुए बताया- हमने प्वाइंट सिस्टम पर फैसला किया कि प्रत्येक उम्मीदवार को 100 में से कितने अंक मिलते हैं। ये बहुत करीबी मामला था।'
आसान नहीं थी शास्त्री की राह-
कपिल ने आगे कहा- 'मैं आपको डिटेल में नहीं बताऊंगा कि यह अंतर कितना करीबी रहा लेकिन यह काफी कम अंकों का अंतर था।' कपिल ने इस दौरान बताया कि शास्त्री के संवाद कौशल ने उनके चयन में अहम भूमिका निभाई। वहीं समिति के एक अन्य सदस्य गायकवाड़ ने भी बताया कि शास्त्री भारतीय टीम की बहुत अच्छी समझ रखते हैं। उन्होंने कहा- 'शास्त्री वर्तमान कोच होने के कारण खिलाड़ियों को अच्छी तरह से समझते हैं, टीम की समस्याओं से अवगत हैं और जानते हैं कि इसके लिए क्या करना हैं। अगर कोई व्यवस्था को समझता है, खिलाड़ियों को जानता है और अच्छी तरह से संवाद स्थापित कर सकता है तो मुझे लगता है कि वह फायदे की स्थिति में रहता है।'
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शास्त्री का रिकॉर्ड शानदार-
बता दें कि बतौर कोच शास्त्री का रिकॉर्ड शानदार रहा है और उनके कार्यकाल में खेले गए 21 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम 11 मैच जीतने में कामयाब रही है और 7 मैचों में हार मिली है। इस दौरान टीम इंडिया नंबर एक टेस्ट टीम भी बनी है। वनडे क्रिकेट में इस दौरान भारत ने 61 मैच खेले और 44 मैच जीते जबकि 14 में उसको हार मिली। टी20 क्रिकेट में भी भारत ने शास्त्री के कार्यकाल में अच्छा प्रदर्शन किया और 36 मैचों में 25 मैच जीते, 10 मैचों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि शास्त्री को इस समय दो साल का एक्सटेंशन दिया गया है और वे 2021 तक भारतीय टीम के मुख्य कोच बने रहेंगे।