नई दिल्लीः भारत का टी20 वर्ल्ड कप अभियान बहुत जल्द समाप्त हो गया। दावेदार होने के बावजूद भारतीय टीम लीग स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाई। भारत एकमात्र ऐसी टीम रही जो इतना बड़ा कद होने के बावजूद सेमीफाइनल में प्रवेश नहीं कप पाई। दूसरे ग्रुप से साउथ अफ्रीका भी हालांकि लीग स्टेज में ही समाप्त हो गई लेकिन उसने पांच में से चार मैच जीते थे और वह भारत के मुकाबले अब एक कमतर टीम मानी जाती है। भारत की हार के बाद आईपीएल पर सवाल उठे थे।
कई क्रिकेटरों ने भी कहा था कि आईपीएल के यूएई चरण और टी20 वर्ल्ड कप के बीच थोड़ा गैप देना सही होता। इससे यह भी कयास लगें कि क्या भारतीय टीम आईपीएल को इंटरनेशनल क्रिकेट से ज्यादा वरीयता देता है। क्या बीसीसीआई के लिए आईपीएल ही सबसे अहम है?
यहां तक भारत के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री का भी मानना है कि आईपीएल और वर्ल्ड कप के बीच कुछ गैप होना चाहिए था। हालांकि उन्होंने इस बात से साफ इंकार किया कि भारतीय खिलाड़ियों ने आईपीएल से ज्यादा इंटरनेशनल क्रिकेट को वरीयता दी है।
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शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए कहा था आईपीएल और बाकी मैचों में गैप नहीं था। खिलाड़ी लंबे समय से बबल में थे। वे थक रहे थे। अब उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए कहा है कि भारतीय खिलाड़ियों के लिए फ्रेंचाइजी क्रिकेट से ऊपर हमेशा देश के लिए खेलना रहेगा। अगर ऐसा ना होता तो पिछले पांच सालों में टीम इतनी अच्छी परफॉरमेंस ना देती। शास्त्री कहते हैं कि, ऐसा कौन मूर्ख होगा जो फ्रेंचाइजी क्रिकेट को देश के ऊपर वरीयता दे।
शास्त्री कहते हैं कि खिलाड़ी भारत के लिए खेल रहे हैं, उनको करोड़ों लोग दुनिया में देख रहे हैं। आप 1.4 अरब की आबादी के उन भाग्यशाली 11 खिलाड़ियों में जो अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
रवि शास्त्री कोचिंग के शानदार करियर को विदाई देने के बाद अब वापस कमेंट्री करते हुए दिखाई दे सकते हैं। उन्होंने एक कोच तौर ना केवल शानदार काम किया बल्कि रेड बॉल क्रिकेट में विराट कोहली के साथ मिलकर उनका वैश्विक योगदान क्रिकेट की दुनिया में लंबे समय तक याद रखना चाहिए। सफेद गेंद क्रिकेट में शास्त्री और कोहली की जोड़ी को आईसीसी ट्रॉफी नहीं मिल पाई। इसकी निराशा उनको है।