चयनसमिति ने नहीं दी थी रायडु को जगह
2019 वनडे विश्वकप की बात करें तो भारत ने लीग स्टेज में शानदार प्रदर्शन करते हुए 9 में से 7 मैचों में जीत हासिल की थी, जबकि उसे लीग स्टेज पर न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच रद्द और इंग्लैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद भारतीय टीम टॉप पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंची थी, जहां पर उसका सामना न्यूजीलैंड से हुआ। बारिश से प्रभावित इस मैच का नतीजा रिजर्व डे पर आया जिसमें रोमांचक स्थिति में पहुंचकर भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद भारतीय टीम के सेलेक्शन को लेकर काफी सवाल उठे थे जिसमें खुद कप्तान कोहली ने माना था कि टीम में नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिये अंबति रायडु को टीम में जगह दी जानी चाहिये थी।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन चयन समिति और टीम मैनेजमेंट ने विश्वकप टीम के चयन के दौरान अंबति रायडु के बजाय हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर को मौका दिया था जो कि टूर्नामेंट के बीच में ही चोटिल हो कर बाहर हो गये थे और उसके बाद भी चयनकर्ताओं ने अंबति रायडु को मौका नहीं दिया।
टीम में 3 विकेटकीपर रखने का तुक समझ नहीं आया
इस पूरे वाक्ये पर बात करते हुए पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने साफ किया कि टीम सेलेक्शन में उनका कोई भी हाथ नहीं था, हालांकि उन्हें चयनकर्ताओं की यह बात समझ नहीं आयी कि 15 सदस्यीय टीम में 3 विकेटकीपर्स को जगह क्यों दी गई थी। रवि शास्त्री का मानना है कि 2019 विश्वकप के दौरान एमएस धोनी, ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक में से किसी दो को ही जगह देनी चाहिये थी और नंबर 4 के लिये अंबति रायडु या श्रेयस अय्यर में से किसी को मौका मिलता तो नतीजा कुछ और हो सकता था।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए रवि शास्त्री ने कहा,'टीम सेलेक्शन को लेकर मेरा कोई भी हाथ नहीं था लेकिन मैं विश्वकप में 3 विकेटकीपर के साथ खेलने की बात से सहमत नहीं था। अंबति या श्रेयस में से किसी एक को मौका दिया जाना चाहिये था। एमएस धोनी, ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक को एक साथ खिलाने का लॉजिक समझ नहीं आया।'
सेमीफाइनल में 18 रन से हारा थी भारत
रवि शास्त्री ने आगे बात करते हुए कहा कि मैंने कभी भी चयनकर्ताओं के फैसले पर सवाल नहीं उठाये सिवाय तब जब मुझसे आम चर्चा के दौरान फीडबैक लिया गया। गौरतलब है कि भारतीय टीम ने 2019 विश्वकप के लीग स्टेज में शानदार प्रदर्शन किया था और टॉप पर रहकर सेमीफाइनल में पहुंची थी, जहां पर उसे कीवी टीम के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा।
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गये इस मैच में भारतीय टीम को 240 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसका पीछा करते हुए उसने महज 24 रन के स्कोर पर अपने 4 विकेट खो दिये था, हालांकि रविंद्र जडेजा और एम एस धोनी की अर्धशतीय पारियों ने भारत को मैच में बनाये रखा था। आखिरी ओवरों में धोनी के रन आउट होने के साथ ही भारत की उम्मीद भी खत्म हो गई और उसे 18 रन से हार का सामना करना पड़ा।