नई दिल्लीः इस बात की संभावना मजबूत है कि दो अलग-अलग भारतीय टीमें, अलग-अलग प्रारूपों में, दुनिया के दो अलग-अलग हिस्सों में लगभग एक ही समय में खेलेंगी। बड़े खिलाड़ी विराट कोहली की अगुवाई में इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में व्यस्त होंगे, तो वहीं शिखर धवन या हार्दिक पांड्या के नेतृत्व में सीमित ओवरों की भारतीय टीम वनडे और टी20 के लिए श्रीलंका का दौरा करेगी। उसी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि भविष्य में अलग-अलग स्थानों पर दो अलग-अलग टीम नियमित हो सकती हैं।
शास्त्री ने भारत के यूके रवाना होने से पहले वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अलग-अलग स्थानों पर नियमित रूप से दो टीमों के साथ खेलना लंबे समय में एक संभावना है।
"फिलहाल यह वर्तमान स्थिति और यात्रा पर प्रतिबंध और उस तरह की चीजों के कारण हो रहा है। लेकिन आप कभी नहीं जानते आगे भी ऐसा हो सकता है। भविष्य में यदि आप छोटे प्रारूप में खासकर खेल का विस्तार करना चाहते हैं, तो यह एक रास्ता हो सकता है। "
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शास्त्री ने आगे कहा कि अगर भविष्य में क्रिकेट को ओलंपिक का हिस्सा बनाना है, तो दो टीमें उतारने की जरूरत बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, "जब आपके पास क्रिकेटरों की इतनी संख्या है और यदि आप दुनिया भर में टी 20 खेल का प्रसार करना चाहते हैं, तो यह आगे का रास्ता हो सकता है क्योंकि अगर आप चार साल या आठ साल में ओलंपिक की बात कर रहे हैं तो आपको खेल खेलने के लिए और देशों की जरूरत है। ऐसे में यह आगे का रास्ता हो सकता है। "
भारत के कप्तान विराट कोहली ने शास्त्री की बात से सहमति जताते हुए कहा कि अलग-अलग जगहों पर दो टीमें आदर्श हो सकती हैं। कोहली की सोच का एंगल हालांकि अलग है क्योंकि उनको लगता है भविष्य में दो टीमें एक साथ खेलने उतरती हैं तो खिलाड़ियों पर प्रेशर कम होगा। कोहली के मुताबिक कई बार खिलाड़ी एक ही काम बार बार करते हुए मानसिक दबाव से गुजरता है।