मुश्किल समय में कैसे की वापसी
रवींद्र जडेजा ने 2018 में ओवल टेस्ट में शानदार 86 रनों की पारी खेली थी, यह पारी ऐसे समय में आई थी जब भारत के 160 रन पर 6 विकेट गिर गए थे और भारतीय टीम 332 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। मैच में जडेजा की पारी के बाद कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि इस मैच ने दिखाया कि रवींद्र जडेजा ऑलराउंडर हैं। इस मैच के अनुभव को साझा करते हुए जडेजा ने कहा कि उस टेस्ट ने मेरे लिए चीजों को बदल दिया। पूरा खेल बदल गया। मेरा प्रदर्शन, मेरा आत्मविश्वास सबकुछ बदल गया। जब आप इंग्लैंड में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाते हैं तो आपका आत्मविश्वास जबरदस्त होता है। इससे आपको अपनी तकनीक पर भरोसा आत है और आपको लगता है कि आप दुनिया में कहीं भी खेल सकते हैं। बाद में हार्दिक पांड्या चोटिल हो गया और मैं वनडे टीम में वापस आया। उसके बाद मेरा खेल अच्छा होता गया।
इंग्लैंड की रणनीति
जडेजा ने कहा कि मुझे याद है कि इस मैच में कोई पहले से योजना नहीं थी कि मैं किस नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए जाउंगा। मैंने अपना समय लिया और हनुमा विहारी से कहा तुम भी अपना समय लो, हनुमा विहारी का यह पहला टेस्ट मैच था। हमने लगातार गेंद खेलते रहे। इंग्लैंड में आपको शुरुआत में समय बिताना जरूरी होता है। आपको समझ आने लगता है कि गेंद कितनी बाउंस कर रही है,कितनी स्विंग कर रही है। सौभाग्य से सूरज निकल आया, इंग्लैंड में हर घंटे स्थिति बदलती है। हमने टिककर बल्लेबाजी की और माहौल को समझने की कोशिश की।
आईपीएल 2020 से पहले तैयारी
जिस तरह से रवींद्र जडेजा ने आईपीएल के पिछले सीजन में जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया, उसने एक बार फिर से दर्शाया कि आखिर क्यों रवींद्र जडेजा खास खिलाड़ी हैं। आईपीएल 2020 से पहले अपनी तैयारी को लेकर जडेजा ने कहा कि मैंने अपनी ट्रेनिंग के तरीके को बदला, मुझे समझ आया कि टी-20 में टाइमिंग से ज्यादा ताकत की जरूरत होती है। टाइमिंग का महत्व तब अधिक होता है जब आप रन बनाने की जल्दबाजी में ना हो, जैसा कि टेस्ट में होता है। मैंने आईपीएल से पहले अपनी तैयारी को बढ़ाया, मैंने अपने ताकत पर काम किया, ऊपरी शरीर और कंधों को मजबूत किया। तकरीबन डेढ़ महीने तक आईपीएल 2020 से पहले मैंने एक भी दिन आराम नहीं किया।
फील्डिंग का राज
रवींद्र जडेजा की फील्डिंग मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे बेहतर है और वह सबसे तेज थ्रो फेंकते हैं। जब इस बारे में रवींद्र जडेजा से पूछा गया कि इसका राज क्या है तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि इस बारे में आपको मेरे पापा से पूछना चाहिए। मेरे अंदर उनके गुण हैं। कुछ प्राकृतिक हैं। जिम में कंधे पर मैं काफी मेहनत करता हूं। मैंने 12-13 साल से अपने कंधे को संभाल कर रखा है, मैं गेंदबाजी भी बहुत ज्यादा करता हूं, मैं अच्छी ट्रेनिंग करता हूं क्योंकि मुझे पता है कि मुझे अपने कंधे का खयाल रखना है। मेरे कोच महेंद्र सिंह चौहान हमे मैदान पर दौड़कर फील्डिंग कराते थे। तभी हम बल्लेबाजी पाते थे। पहले चार साल मैं बहुत फील्डिंग करता था। वह बहुत सख्त दिखते थे, लेकिन वह काफी अच्छे थे।