डर था कहीं फ्लाॅप ना हो जाएं धोनी
चारू शर्मा ने उस ऑक्शन को याद करते हुए इसपीएन.क्रिकइंफो में दिए अपने बयान में कहा है कि, उस समय आरसीबी टीम को डर था कि 1.5 मिलियन डॉलर रूपए खर्च करने के बाद धोनी मैचों में नहीं चले तो यह घाटे का सौदा ना हो जाए, इसी डर के कारण हमें धोनी को सीएसके की टीम में जाने दिया।
टैलेंट पर संदेह था
क्रिकइंफो में दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि आरसीबी फ्रेंचाइजी को धोनी के परफॉर्मेंस को लेकर डर बैठ गया जिसके कारण ही उन्हें हम नहीं खरीद पाए थे। बता दें कि 2008 के दौरान धोनी अपने करियर के ऊंचाई पर थे। 2007 में धोनी की कप्तानी में भारत ने टी-20 वर्ल्डकप का खिताब जीता था इसके बाद भी आरसीबी ने धोनी के टैलेंट पर संदेह किया। बता दें कि सीएसके ने धोनी को खरीदा जिसके बाद आईपीएल में यह फ्रेंचाइजी सबसे सफल टीम बन गई।
धोनी से चमकी सीएसके की किस्मत
धोनी की कप्तानी में सीएसके ने 3 मौकों पर आईपीएल का खिताब जीता है। इतना ही नहीं सीएसके आईपीएल के हर एक सीजन में प्लेऑफ में पहुंची है। धोनी की कप्तानी में चेन्नई की टीम को चैंपियंस ट्रॉफी टी20 खिताब भी जीतने में कामयाबी पाई है। इस समय धोनी ने आईपीएल में अबतक 174 मैचों में कप्तानी की है और इस दौरान 104 मैचों में जीत मिली है। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम को 2019 के आईपीएल फाइनल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में हार मिली थी।