नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में भले ही रिस्ट स्पिनर युजवेंद्र चहल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने वनडे सीरीज में कमाल की गेंदबाजी कर भारत को ऐतिहासिक सीरीज जितवाई थी। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल और चाइनामैन कुलदीप यादव ने छह वन-डे में आपस में 33 विकेट बांटे। चहल ने 16 जबकि यादव ने 17 विकेट झटके। इसके बाद जोहानसबर्ग के न्यू वांडरर्स स्टेडियम में खेले गए पहले टी20 में युजवेंद्र चहल को चश्मा पहने देखा गया।
चहल को चश्मा पहने देख सभी चौंक गए। हालांकि चहल गेंदबाजी या बल्लेबाजी के समय चश्मा नहीं पहनते हैं बल्कि फील्डिंग के समय वो हमेशा चश्मा पहने नजर आते हैं। आमतौर पर खिलाड़ियों को फील्डिंग करते समय मैदान पर काले चश्मे पहने हुए देखा जाता है लेकिन चहल जैसा चश्मा पहने हुए हैं, आजकल कम ही क्रिकेटरों को वैसा करते देखा जाता है। आखिर इस राज से पर्दा उठ गया है कि आखिर चहल ऐसा क्यों करते हैं।
चहल के मैदान पर चश्मा पहनने के बारे में जब उनके पिता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका दौरे से लौटने के बाद चहल नई नौकरी ज्वाइन करेंगे। ऐसे में मेडिकल टेस्ट के दौरान युजवेंद्र को सलाह दी गई थी कि वो चश्मा पहनें। इसलिए चहल ने एहतियातन ये कदम उठाया।
चहल के पिता ने बताया कि, दक्षिण अफ्रीका दौरे पर निकलने से पहले डॉक्टर ने युजवेंद्र के आंखों की जांच की थी और चश्मा पहनने की सलाह दी थी। इससे पहले युजवेंद्र गेंदबाजी और बल्लेबाजी करते वक्त चश्मा नहीं पहनते थे। पिता के मुताबिक, चहल की आंखें तो कमजोर नहीं है, मगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में बतौर इंस्पेक्टर चुने जाने के बाद जब उनका मेडिकल टेस्ट हुआ तो डॉक्टरों ने उन्हें चश्मा पहनने की सलाह दी।