नई दिल्ली। भारत और वेस्टइंडीज के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम का एलान कर दिया गया है। भारतीय टीम मैनेजमेंट को लेकर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं।यह पहली बार नहीं हैं जब टीम के चुनाव को लेकर सवाल उठ रहे हों। इससे पहले मनोज प्रभाकर को भी टीम में न चुने जाने के मलाल झेलना पड़ा है फिर अंजिक्या रहाणे के साथ यही हुआ और फिर कर करुण नायर के साथ वही प्रक्रिया दोहराई जा रही है। दरअसल पूरा मामला करुण नायर के टीम में ना चुने जाने का है।
क्रिकेट में खिलाड़ी चोटिल होकर या फिर लगातार खराब फार्म से जुझने पर टीम से बाहर किया जाता है लेकिन करुण नायर तिहरा शतक लगाकर भी टीम से बाहर हैं। इंग्लैंड में जब भारत मात खा रही थी तो अनुभवी करुण को टीम में मौका देने की जगह नए खिलाड़ी को पदार्पण करने का मैका दिया गया। रविवार को टीम के सिलेक्शन को लेकर करुण के नाम पर मुहर नहीं लगी , वह टीम में शामिल नहीं किए गए। करुण को टीम में शामिल ना करने के पीछे उनका सख्त रवैया है जो टीम मैनेजमेंट को पसंद नहीं है।
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टीम चुनाव से पहले करुण नायर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि'मैं बसु सर के साथ काफी समय बिता रहा हूं जो हमारे ट्रेनर हैं और इसके साथ-साथ बल्लेबाजी कोच संजय बांगर सर के साथ भी। काफी थ्रो-डाउन सेशन और नेट सत्र हुए हैं लेकिन खासतौर पर मैंने बसु सर के साथ सबसे ज्यादा समय बिताया है। उनके मुताबिक मैं इस टीम का सबसे फिट खिलाड़ी हूं। मुझे इस बात पर गर्व है और मैं इसमें और सुधार करते रहना चाहता हूं।'
करुण ने हाल में दिए गए साक्षात्कार में स्पष्ट कहा था कि न तो टीम प्रबंधन और न ही चयनकर्ताओं ने उनसे बातचीत की। हालांकि प्रसाद ने कहा कि करूण को साफ तौर पर बताया गया था कि ऐसा फैसला क्यों लिया गया था।
मुख्य चयनकर्ता की सफाई:
बिना बताए टीम से ड्राप करने की बात को लेकर बवाल मचता दिख रहा है।पूर्व क्रिकेटर एमएसके प्रसाद टीम इंडिया को चुनने वाली चयनसमिति के मुख्य चयनकर्ता है। उन्होंने सोमवार को कहा, 'मैंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट टीम के चयन के बाद तुरंत करुण से बात की और उन्हें वापसी करने के तरीके के बारे में बताया। चयन समिति संवाद प्रक्रिया के बारे में बहुत स्पष्ट है।' करुण को इंग्लैंड सीरीज के लिए मूल टीम में चुना गया था। तीन टेस्ट के बाद टीम में बदलाव किया गया, लेकिन करुण टीम में बरकरार रहे।
टीम में हुए बदलाव का फायदा हनुमा विहारी और पृथ्वी शॉ को मिला। हनुमा विहारी ना सिर्फ टीम में चुने गए, बल्कि उन्हें प्लेइंग इलेवन में भी जगह मिली। हनुमा ने अर्धशतक जमाया और विकेट भी लिए। करुण टेस्ट में भारत के लिए तिहरा शतक जड़ने वाले सिर्फ दूसरे खिलाड़ी हैं।प्रसाद ने कहा कि करुण को साफ तौर पर बताया गया था कि ऐसा फैसला क्यों लिया गया था।
प्रसाद ने कहा कि उनके दोस्त देवांग गांधी ने करुण से बात भी की थी ताकि करुण को लगातार प्रोत्साहित किया जा सके। प्रसाद ने का कहना है कि करुण से बातचीत के दौरान उसे बताया गया कि उसे रणजी ट्रॉफी में रन बनाना जारी रखना होगा और आगे जो भी भारत ए की सीरीज होगी, उसमें अच्छा खेलना बरकरार रखना होगा।वे टेस्ट क्रिकेट के लिए भविष्य की योजनाओं में शामिल हैं।