रिकी पोंटिंग के करियर का सबसे मुश्किल ओवर
फ्लिंटॉफ उसी तरह के अंग्रेज ऑलराउंडर थे जिस तरह से आज बेन स्टोक्स हैं। फर्क इतना है कि फ्लिंटॉफ की गेंदबाज काफी तेज रफ्तार से हुआ करती थी और वे अपने करियर के अंतिम दिनों में बेहतरीन टेस्ट गेंदबाज के तौर पर उभर चुके थे।
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2005 के एजबेस्टन टेस्ट को याद करें तो पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद इंग्लैंड ने मार्कस ट्रेस्कोथिक, केविन पीटरसन और फ्लिंटॉफ के अर्धशतकों की बदौलत 407 रन बनाए। जवाब में, कंगारू टीम केवल 308 रन ही बना सके। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में शानदार वापसी करते हुए मेजबान टीम को शेन वार्न की फिरकी के जादू से महज 182 रनों पर ढेर कर दिया।
एंड्रयू फ्लिंटॉफ का आग उगलता ओवर-
कंगारूओं को चेस करने के लिए 282 रनों का टारगेट मिला था। इस मुकाबले को जीत ऑस्ट्रेलिया सीरीज में 2-0 की बढ़त ले सकता था। ओपनिंग बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 47 रन जोड़े लेकिन फ्लिंटॉफ ने आते ही पहले स्पैल में सफलता दिला दी। यह ऑलराउंडर पहले ही इस टेस्ट में आग उगल रहा था। उन्होंने दोनों पारियों में 70s के स्कोर करने के अलावा पहली पारी में 3 विकेट भी लिए थे औ अब वे दूसरी पारी में पहले ही स्पैल की दूसरी गेंद पर विकेट ले चुके थे।
सांप की लहराती गेंदों के सामने पोंटिंग हुए पस्त-
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान रिकी पोंटिंग आए जिनको एक ऐसी गेंदबाजी को सामना करना पड़ा जिसने उनके पसीने छुड़ा दिए। गेंद बाएं, दाएं स्विंग हो रही थी और कभी कभी बीच में पड़ रही थी और महान पोंटिंग के पास इसका कोई जवाब नहीं था। पोंटिंग किसी भी गेंद को ढंग से समझ नहीं पा रहे थे और आखिरकार उनको फ्लिंटॉफ ने आउट भी कर दिया जब गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेटकीपर के दस्तानों में समा गई।
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यहां देखिए पोंटिंग-फ्लिंटॉफ के बीच जंग का वीडियो-
इंग्लैंड क्रिकेट के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने गुरुवार को उसी ओवर का वीडियो पोस्ट किया, जिसको रिकी पोंटिंग ने इसे अब तक का सबसे अच्छा ओवर करार दिया। पोंटिंग लिखते हैं- "सबसे अच्छा ओवर जिसका मुझे कभी सामना करना पड़ा। 90 मील प्रति घंटे पर रिवर्स स्विंग!"
इंग्लैंड को हासिल हुई थी एशेज-
जहां तक मैच का सवाल है, ऑस्ट्रेलिया, 220/9 के बाद, ब्रेट ली और माइकल कास्परोविक के बीच एक साझेदारी चलते मैच जीतने के काफी नजदीक चला गया था। लेकिन आखिरकार दो रनों से इंग्लैंड ने रोंगटे खड़े कर देने वाला मुकाबला जीत लिया जिसमके साथ ही सीरीज बराबर हो गई और बाद में अंग्रेजों ने कंगारूओं से एशेज भी हथियाई।