मुश्किल दौर में पंत को मिली 'गुड वाइब्स'
इन तस्वीरों को शेयर करते हुए पंत ने खुशी और सुकून जाहिर किया है और अपने तमाम बड़े सोशल अकाउंट पर इसको शेयर किया है। दोनों खिलाड़ी घर के बाहर गार्डन में कुछ अच्छा समय बिताते हुए देखे जा सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि पंत में शानदार प्रतिभा है और इसके गवाह उनके ये चार बड़े टेस्ट रिकॉर्ड भी हैं जो धोनी भी नहीं बना पाए थे। ऐसे में जबकि बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में पंत के पास अपने बल्ले से जौहर दिखाने का मौका है तो हम ये चार टेस्ट रिकॉर्ड प्रस्तुत करने जा रहे हैं जिनको ध्यान में रखकर पंत अपने करियर के चुनौतीपूर्ण दौर का सामना अधिक आत्मविश्वास के साथ कर सकते हैं।
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इंग्लैंड में शतक-
जहां तक टेस्ट फॉर्मेट की बात है तो महेंद्र सिंह धोनी के लिए विदेशों में शतक बनाना हमेशा से एक सपना रहा जिसको पंत ने टेस्ट करियर की शुरुआत में ही हासिल कर लिया। ऋषभ पंत ने अपने पहले विदेशी दौरे में शतक जड़ा, जो इंग्लैंड के कड़े मुकाबले के खिलाफ था। ऋषभ पंत अपना तीसरा टेस्ट मैच खेल रहे थे और उन्होंने मुश्किल सीरीज के अंतिम टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए शानदार शतक बनाया। ऋषभ पंत ने उस मैच में 114 रनों की पारी खेली।
ऑस्ट्रेलिया में भी शतक-
ऋषभ पंत ने इंग्लैंड में एक शानदार शतक लगाने के बाद, फिर से टीम के लिए ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर शतक लगाया जबकि उस समय कंगारू टीम में मिशेल स्टार्क, जोश हेज़लवुड और पैट कमिंस शामिल थे। दूसरी ओर, एमएस धोनी का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय परिस्थितियों और विदेशों में शानदार प्रदर्शन रहा है लेकिन, यह सफेद गेंद के प्रारूप में हुआ है। लेकिन दुर्भाग्य से लाल गेंद के खेल में ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में माही वैसा कारनामा नहीं दोहरा सके।
सबसे तेज 50 टेस्ट शिकार
महेंद्र सिंह धोनी की कीपिंग काबिलियत के सामने अभी पंत बच्चे हैं। धोनी ने जहीर खान, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह जैसे महान गेंदबाजों को विकेट दिलाने में मदद की। धोनी ने इसके बावजूद टेस्ट प्रारूप में अपने 50 शिकार आउट होने तक पहुंचने के लिए 15 टेस्ट मैच खेले। इस बीच, ऋषभ पंत ने सिर्फ 11 टेस्ट मैचों में 50 आउट करने का रिकॉर्ड बनाया। हालांकि यह गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन है, लेकिन इसमें शक नहीं कि पंत ने अपने करियर की शुरुआत में धोनी की तुलना कहीं तेजी से विकेट के पीछे विकेट चटकाने में भूमिका निभाई।
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एक सीरीज में सबसे ज्यादा कैच-
ऋषभ पंत ने बल्लेबाजी के अलावा विकेटों के पीछे शानदार प्रदर्शन किया है और पूर्व कप्तान के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। यह इस उम्र में पंत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जो उन्हें भविष्य में और अधिक आत्मविश्वास और लक्ष्य को बढ़ाने में मदद कर सकती है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट सीरीज में 20 कैच पकड़े जो एक भारतीय विकेट-कीपर द्वारा सबसे अधिक कैच पकड़ने का रिकॉर्ड रहा। यह कुछ ऐसा है जो अपने शानदार करियर में धोनी नहीं कर पाए।