जानें क्या है मामला और आरोप
दरअसल फैज आलम ने ऋषभ पंत की मां और बहन के खिलाफ 2 महीने का वेतन न देने का आरोप लगाया है, साथ ही यह भी दावा किया है कि जब उन्होंने इसको लेकर उनसे पैसों की मांग की तो उन्होंने उसे धमका कर बाहर भगा दिया। फैज ने अल्पसंख्यक आयोग को 30 मार्च 2020 को एक शिकायती पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि वह दिसंबर से पंत के रेस्टोरेंट में काम कर रहे थे।
इस शिकायती पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी सैलरी 9500 रुपये तय की गई थी, लेकिन उसे दिसंबर के बाद जनवरी और फरवरी का पैसा नहीं दिया गया। उसने आगे बताया कि 5 मार्च को उसे बताया गया कि होटल बंद हो रहा इसलिये अब वह काम पर न आये, जिसके बाद जब फैज ने 2 महीने का पैसा मांगा तो उसे धमकाकर भगा दिया गया।
नेशनल लेवल का क्रिकेटर है मेरा बेटा, नहीं करेगा कोई मदद
फैज ने अपने शिकायत पत्र में दावा किया है कि ऋषभ पंत की मां ने अपने बेटे के राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेटर होने का रोब जमाते हुए उन्हें धमकाया और पुलिस में देने की बात की।
उन्होंने कहा, 'ऋषभ पंत की मां सरोज ने कहा कि उनका बेटा नेशनल स्तर का क्रिकेटर है। उसे सभी अधिकारी जानते हैं, यदि दोबारा पैसे मांगे तो पुलिस में दे देंगे। मैं बेरोजगार हो गया हूं, मेरे पिता नहीं है औऱ घर में दो बहनों और मां का खर्चा मुझे अकेले उठाना पड़ता हैं। ऐसे में मैं फिलहाल काफी मुश्किल स्थिति में हूं।'
खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं ऋषभ पंत
गौरतलब है कि फैज आलम की शिकायत पर अल्पसंख्यक आयोग ने सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस को जांच करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इस मसले पर अब तक ऋषभ पंत के परिवार से किसी भी तरह का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
आपको बता दें कि ऋषभ पंत पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं जिसके चलते न्यूीजलैंड दौरे पर कप्तान विराट कोहली ने उनकी जगह केएल राहुल से विकेटकीपिंग बल्लेबाज की भूमिका अदा कराई। विश्व कप के बाद से टीम मैनेजमेंट ने उन्हें अपनी जगह पक्की करने के कई मौके दिए थे, लेकिन वह पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए थे।