नई दिल्ली। पिछले सप्ताह रणजी ट्रॉफी में विदर्भ के हाथों ऐतिहासिक हार के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत से दिल्ली की कप्तानी छीन ली गई है। माना जा रहा है कि दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की आंतरिक राजनीति इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज पर भारी पड़ गई।
एक हफ्ते पहले रणजी ट्राफी फाइनल में टीम की अगुवाई करने के बाद टीम की कप्तानी से पंत को हटा दिया गया। अब सैय्यद मुस्ताक अली T20 टूर्नामेंट में दिल्ली की कप्तानी लेफ्ट आर्म बॉलर प्रदीप सांगवान को सौंपी गई है।
प्रदीप सांगवान को कप्तानी सौंपे जाने से सभी हैरान हैं। दरअसल बाएं हाथ के तेज गेंदबाज प्रदीप संगवान ने आखिरी बार मई, 2017 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में गुजरात लायंस के लिए एक मैच खेला था।
यहां तक कि संगवान रणजी ट्राफी में खेलने के लिए भी फिट नहीं थे। संगवान ने अपने करियर में 77 टी 20 मैच खेले हैं और 71 विकेट लिए हैं। साथ ही उनकी इकॉनमी रेट भी निराशाजनक 7.68 का रहा है।
एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में सीनियर खिलाड़ियों उन्मुक्त चंद, मनन शर्मा और मिलिंद कुमार को सात जनवरी से शुरू होने वाले इस जोनल टी20 लीग के लिए टीम से हटा दिया गया।
उन्मुक्त दिल्ली के पूर्व कप्तान हैं जबकि मिलिंद सीजन की शुरुआत में रणजी टीम के वाइस कैप्टन थे जब पंत नेशनल टीम (इंडिया ए) के लिए खेल रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के चयनकर्ताओं के प्रमुख अतुल वासन ने ऋषभ पंत को कप्तानी से हटाने के फैसले का बचाव किया है।
उन्होंने कहा, 'ऋषभ पंत अपने फॉर्म को ले कर संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में हमलोगों ने फैसला किया कि उनपर कप्तानी का अतिरिक्त बोझ न डाला जाए। प्रदीप सांगवान पूरी तरह फिट होने के साथ ही सबसे सीनियर प्लेयर (गौतम गंभीर को छोड़कर) भी हैं। सांगवान 2008 से क्रिकेट खेल रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए हमलोगों ने सोचा कि सांगवान को ही कप्तान बनाया जाना चाहिए।'
दिल्ली सेलेक्शन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा, 'हमलोग चाहते हैं कि गौतम गंभीर टीम में मेंटर की भूमिका निभाएं। इसके अलावा इस फॉर्मेट (T20) में तेजस बरोखा और ललित यादव जैसे नए प्लेयरों को परखना चाहते हैं। ये दोनों अंडर-23 में स्टार परफॉर्मर रहे हैं। इसके साथ ही उभरते हुए गेंदबाज गौरव कुमार को भी आजमाना चाहते हैं।'