टेस्ट खेलना था बड़ा लक्ष्य
उथप्पा ने राजस्थान रॉयल्स के पॉडकास्ट सत्र के दौरान कहा, ''भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य था। अगर मैं 20-21 की उम्र में ऐसी कोशिश करता तो टेस्ट क्रिकेट खेल लिया होता। मैं अपने करियर के आखिर में पछताना नहीं चाहता था और अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ करना चाहता था।'' भारत की तरफ से आखिरी मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। उन्हें अपनी विस्फोटर बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है।
आमरे की देखरेख में बदली थी तकनीक
रोबिन उथप्पा ने कोच प्रवीण आमरे की सेवाएं लीं और अपनी तकनीकी में कुछ बदलाव किया, लेकिन इससे उनकी नैसर्गिक लय खो गई। उन्होंने कहा, ''इसलिए मैंने 25 साल की उम्र में प्रवीण आमरे की देखरेख में अपनी बल्लेबाजी तकनीकी में बदलाव करने का फैसला किया, जो तकनीकी तौर पर पहले से बेहतर बल्लेबाज हो और लंबे समय तक क्रीज पर टिककर खेल सके। इस प्रक्रिया में मैंने अपनी बल्लेबाजी की आक्रामकता खो दी।''
मानी की हुई गलती
उन्होंने आगे कहा, ''मैं सोचता था कि भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए मुझे अपनी तकनीकी बदलनी होगी। मुझे लगता है कि मैंने 25 साल की गलत उम्र में ऐसा करने की कोशिश की।'' उथप्पा ने भारत की तरफ से 46 वनडे और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।