तकनीक ना बदलने की दी सलाह
लक्ष्मण ने कहा कि रोहित को साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी श्रृंखला के दौरान अपने नैसर्गिक गेम पर अडिग रहना चाहिए क्योंकि पारी के आगाज के दौरान तकनीक में बदलाव से उनके खुद के प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ा था। लक्ष्मण मध्यक्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज थे, पर उन्हें 1996-98 के बीच में पारी का आगाज करने के लिए कहा गया था लेकिन वह कभी भी इस स्थान पर सहज महसूस नहीं करते थे। लक्ष्मण ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर दीप दासगुप्ता को उनके यूट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘सबसे बड़ी फायदे की चीज यह है कि रोहित के पास अनुभव है जो मेरे पास नहीं था। मैंने केवल चार टेस्ट मैच खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज किया था। रोहित 12 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुका है। इसलिये उसमें परिपक्वता और अनुभव मौजूद है और साथ ही वह अच्छी फार्म में है।''
रोहित ना करें ऐसा
44 साल के पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मैंने पारी का आगाज करते हुए जो गलती की वो मानसिकता में बदलाव की थी जिससे मुझे मध्यक्रम के बल्लेबाज के तौर पर काफी सफलता दिलाई थी, भले ही वह तीसरे नंबर पर हो या फिर चौथे नंबर पर। ''उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी तकनीक में भी बदलाव करने की कोशिश की थी। मध्यक्रम बल्लेबाज के तौर पर मैं हमेशा ‘फ्रंट-प्रेस' के बाद गेंद की ओर जाता था लेकिन सीनियर खिलाड़ियों और कोचों से बात करने के बाद मैंने इसमें बदलाव किया। इस बदलाव ने मेरी बल्लेबाजी प्रभावित की और मैं उम्मीद करता हूं कि रोहित को ऐसा नहीं करना चाहिए।''
खेल बदला तो खो सकते हैं लय
लक्ष्मण ने कहा कि अगर आप अपने नैसर्गिक खेल से ज्यादा छेड़छाड़ करोगे तो आपको परिणाम नहीं मिलेगा क्योंकि आपके दिमाग में उलझन होगी और आप लय खो सकते हो। मैं स्वीकार कर सकता हूं कि जब मैंने पारी का आगाज किया तो मेरी लय प्रभावित हुई। रोहित ऐसा खिलाड़ी है जो लय में आने के बाद अच्छा प्रदर्शन करता है और अगर उसकी लय प्रभावित हुई तो यह मुश्किल होगा।