नई दिल्ली: रोहित शर्मा जैसे प्रतिभा के धनी बल्लेबाज को टेस्ट टीम से बाहर बैठना सभी को अखरता है। इस बात से उनके टीम के साथी भी सहमत हैं कि रोहित को टीम से बाहर देखना दुखद है। ऐसे में जब हनुमा विहारी मध्यक्रम में अपनी जगह मजबूत कर चुके हैं और आजिंक्य रहाणे फार्म में लौट चुके हैं तो रोहित के पास केवल ओपनिंग स्लॉट ही बचता है जहां वे भारतीय टेस्ट टीम में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। रोहित वनडे टीम में नियमित ओपनर की भूमिका शानदार ढंग से निभा रहे हैं और अब वे 2 अक्टूबर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए बतौर ओपनर चुन भी लिए गए हैं।
लेकिन रोहित के लिए रेड बॉल क्रिकेट ओपनर के तौर पर शुरुआत बिल्कुल भी अच्छी नहीं हुई है और वे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभ्यास मैच के तीसरे दिन बोर्ड प्रेजिडेंट इलेवन के लिए ओपनिंग के दौरान शून्य पर आउट हो गए। बतौर ओपनर रोहित से ढेरों उम्मीदें लगा रहे फैंस को उस समय मायूसी का सामना करना पड़ा जब रोहित अपनी पारी के दूसरे ही ओवर में वारेन फिलेंडर की गेंद का शिकार बन गए और खाता भी नहीं खोल सके। बता दें कि रेड बॉल ओपनर के तौर पर यह रोहित शर्मा का पहला मैच था, जिसमें वह बुरी तरह से फ्लॉप रहे।
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इससे पहले रोहित ने टेस्ट मैचों में भी मध्यक्रम में बल्लेबाजी की है जिसमें उनका औसत 39.62 का है, जिसमें तीन शतक भी शामिल हैं। रोहित शर्मा की टेस्ट तकनीक हमेशा शक के दायरे में रही है और एक बार फिर से जीरों पर आउट होकर उन्होंने एक और शानदार मौका पर प्रदर्शन नहीं किया। दक्षिण अफ्रीका ने मैच के तीसरे दिन 279/6 पर पारी घोषित की थी। इसके बाद भारतीय पारी का आगाज करने मयंक अग्रवाल के साथ रोहित शर्मा मैदान पर उतरे थे। रोहित शर्मा बोर्ड प्रेजिडेंट इलेवन के कप्तान भी हैं।
बता दें कि टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय से केएल राहुल लगातार खराब परफॉर्मेंस कर रहे हैं जिसके चलते रोहित शर्मा को ओपनिंग का मौका दिया गया। विश्व कप में पांच शतक लगातार बल्लेबाजी के नए आसमान पर पहुंच चुके रोहित से लाल गेंद क्रिकेट में भी ऐसी ही कमाल की जरूरत है। फिलहाल सभी की नजरें रोहित शर्मा पर टिकी हुई हैं और वे अपने पहले मौके में असफल रहे हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज का पहला मैच 2 अक्टूबर को खेला जाएगा और यह सीरीज तीन टेस्टों की होगी।