नई दिल्ली: क्रिकेट के कुछ नियम वास्तव में कितने अजीब साबित हो सकते हैं यह 14 जुलाई के दिन लॉर्ड्स में पता लग गया। क्रिकेट संभवतः दुनिया में सबसे ज्यादा नियमों वाला खेल हो सकता है और इसके अधिकांश नियम बड़े ही शानदार भी हैं। ये वह नियम हैं जिनसे मैच की ओवर दर ओवर गतिविधियां चलती हैं। इसके बावजूद भी कुछ नियम ऐसे हैं जो दशकों में एक बार इस्तेमाल होने के लिए बने हैं लेकिन जब उनका प्रयोग होता है तो सिवाए हैरानी और ताज्जुब के कुछ भी हाथ नहीं लगता। एक ऐसी ही हैरानी का गवाह रविवार को लॉर्ड्स बन गया।
विश्व कप 2019 के फाइनल मैच के दौरान इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमों के बीच 100 ओवर का खेल और उसके बाद सुपरओवर भी कोई परिणाम नहीं दे सका तो विजेता का फैसला मैच में लगाई कुछ बाउंड्री (चौके व छक्के) के आधार पर हुआ। जिसमें इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाई थी। निश्चित तौर पर यह नियम पूर्व निर्धारित था और सुपरओवर खेल रही टीमों को भी इसके बारे में जानकारी थी लेकिन इससे यह सवाल फिर भी खड़ा हो जाता है कि क्या यह नियम तर्कसंगत था?
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विश्व कप 2019 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले स्टार भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने भी एक क्रिकेटर होने के बावजूद यह अपील की है कि क्रिकेट के कुछ नियमों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। जब रोहित ऐसा कह रहे थे तो उनका इशारा इसी नियम की ओर था जिसमे मैच टाई होने के बाद बाउंड्री के आधार पर तय किया गया।
इसमें भी कोई हैरानी की बात नहीं है कि रोहित ही नहीं बल्कि अनेकों क्रिकेट दिग्गज और फैंस इस नियम से कतई भी संतुष्ट नहीं नजर आ रहे हैं। इस नियम ने फाइनल के दिन बिल्कुल बराबरी का खेल दिखाने वाली न्यूजीलैंड से विश्व विजेता बनने का सपना छीन लिया है। कई पूर्व क्रिकेटरों ने तो इस नियम को भयानक और डरावना तक करार दिया है।