मलिंगा को नहीं देना चाहते थे ओवर
मैच के बाद रोहित ने बयान देते हुए साफ कहा कि वह आखिरी ओवर मंलिगा को नहीं देने जा रहे थे। लेकिन उनके अनुभव को देखकर फिर अंतिम फैसला लिया गया। रोहित ने कहा कि मलिंगा एक चैंपियन हैं, वह हमारे लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। मैं अंतिम ओवर के लिए हार्दिक पांड्या के बारे में सोच रहा था, लेकिन मैं किसी ऐसे व्यक्ति को वापस करना चाहता था जो हमारे लिए पहले भी उस स्थिति में रहा हो और मलिंगा कई बार वहां गए हैं। बता दें कि मलिंगा आखिरी ओवर फेंकने से पहले 3 ओवर में 42 रन लुटा चुके थे। वहीं पांड्या ने 1 ही ओवर फेंका था जिसमें केवल 3 रन दिए थे।
टीम को दिया चैंपियन बनने का श्रेय
वहीं रोहित ने खिलाड़ियों की भी खूब तारीफ की। उन्होंने कहा, 'मैं हर खेल में सीख रहा हूं, हर बार मैं मैदान में उतरता हूं। मुझे टीम को भी श्रेय देना है, लड़कों को आगे बढ़ाना है अन्यथा कप्तान को मूर्ख बनाया जाता है। लड़कों को श्रेय!' पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमने कुछ अच्छी क्रिकेट खेली, यही कारण था कि हमने शीर्ष पर क्वालीफाई किया। हमने टूर्नामेंट को दो भागों में विभाजित करने की योजना बनाई, प्रत्येक चीज जो हमने एक टीम के रूप में की, हमें उनके लिए ईनाम मिले। हमारे पास 25 खिलाड़ियों का एक दस्ता है, सभी ने किसी न किसी स्टेज पर आकर काम किया है। हमारी गेंदबाजी विशेष रूप से उत्कृष्ट थी, खेल में विभिन्न चरणों में, गेंदबाजों ने अपने हाथों को ऊपर रखा और हमें वापस लाया। हर उस गेंदबाज को मौका मिलता है, जिसने अपना हाथ ऊपर रखा, जिम्मेदारी ली और इसीलिए हमें इसके लिए ईनाम मिले।
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चेन्नई को मिला था 150 का लक्ष्य
बता दें कि इस खिताबी मुकाबले में मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट खोकर चेन्नई के सामने 150 रनों का लक्ष्य रखा। मुंबई की तरफ से किरोन पोलार्ड ही 25 गेंदों में 41 रनों की सर्वाधिक पारी खेल सके। इनके अलावा कोई भी बल्लेबाज प्रभावित नहीं कर पाया। जवाब में उतरी चेन्नई टीम को क्विंटन डी काॅक व शेन वाॅटसन के रूप में अच्छी शुरूआत दी। लेकिन इस जोड़ी के टूटने के बाद मुंबई के गेंदबाजी हावी हो गए। मैच अंत तक गया और मुंबई ने आखिरी गेंद पर 1 रन से रोमांचक जीत हासिल कर ली। चेन्नई के लिए सिर्फ वाॅटसन ही 59 गेंदों में 80 रनों की पारी खेल सके।