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रोहित को दूर करनी होंगी ये कमजोरियां, नहीं तो मुश्किल रहेगा ICC ट्रॉफी जीतना

स्पोर्ट्स डेस्क(राहुल) : आईसीसी टी20 विश्व कप 2021 में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। हालांकि सुपर 12 ग्रुप 2 में अपने आखिरी तीनों मैच भारत ने बड़ी जीत के साथ जीते, लेकिन ये जीत कमजोर टीमों के खिलाफ थीं। वहीं पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से मिली हार ने भारत को सेमीफाइनल में जाने से रोक दिया। इसी के साथ भारतीय क्रिकेट में नए युग की शुरूआत हुई। अब रोहित शर्मा के रूप में टी20आई में नया कप्तान है तो राहुल द्रविड़ के रूप में नया कोच। रोहित ने विराट कोहली की जगह संभाली को द्रविड़ ने रवि शास्त्री की। अब 2022 टी20 विश्व कप भी ज्यादा दूर नहीं है जो ऑस्ट्रेलिया में होगा। रोहित की कप्तानी में टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टी20 मैचों की सीरीज के पहले मैच में जीत के साथ शुरूआत कर दी है। हालांकि यह जीत भी आसान नहीं रही, क्योंकि अंतिम समय मैच फंसता दिखा, जो पहले आसानी से खत्म होता दिख रहा था। रोहित को अगर भारत के लिए आईसीसी ट्राॅफी जीतनी है तो जल्द से जल्द उन कमजोरियों को दूर करना होगा जो पिछले लंबे समय से देखने को मिलती हैं। क्या हैं वो टीम की कमजोरियां, आइए जानें-

यह भी पढ़ें- कोहली-शास्त्री के युग में इन 3 खिलाड़ियों का क्रिकेट करियर लगभग हुआ खत्म

1. बड़े मुकाबलों के दाैरान दवाब में ना आने की योजना करनी होगी तैयार

1. बड़े मुकाबलों के दाैरान दवाब में ना आने की योजना करनी होगी तैयार

पिछले 4 सालों में कई बड़े मैचों में देखने को मिला कि टीम दवाब में आकर बड़ा नुकसान कर बैठी। विराट कोहली की कप्तानी में साफ दिखा कि भारत बड़े मुकाबलों में दवाब में आया। बात चाहे हम फिर साल 2017 में हुई आईसीसी चैंपियंस ट्राॅफी की बात कर लें। टीम इस टूर्नामेंट में कई बड़ी टीमों को मात देते हुए फाइनल में पहुंची थी। फाइनल में उनका सामना पाकिस्तान था, लेकिन भारतीय टीम पर दवाब साफ दिखा। पहले जब पाकिस्तान की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो भारतीय बाॅलर जब 10 ओवरों में कोई विकेट नहीं निकाल सके तो फिर दवाब में आकर लेंथ भूलने लगे। नतीजा ये रहा कि पाकिस्तान ने 4 विकेट खोकर 338 रन बना डाले। हालांकि ऐसा नहीं था कि भारत इसका पीछा नहीं कर सकता था, लेकिन शुरूआती विकेट जल्दी गिरे तो अन्य बल्लेबाज दवाब में आ गए, जिस कारण पूरी टीम 158 पर ढेर होकर खिताब जीतने से चूक गई। यही कहानी हमें 2019 वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में भी न्यूजीलैंड के खिलाफ देखने को मिली। शुरूआती विकेट गिरने के बाद मध्यक्रम भी लड़खड़ा गया था। फिर 2021 टी20 विश्व कप में भी जब टीम को शुरूआती दो मैचों (जो पाकिस्तान व न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला गया) में से एक मैच जीतना जरूरी था, तो इसी बात का दवाब टीम पर दिखा जिसके चलते वे दोनों मैच हार गए। इन मुकाबलों में ना बल्लेबाज चले ना गेंदबाज। बल्लेबाज शुरूआती 6 ओवरों में खुलकर खेलने की बजाय विकेट बचाने की कोशिश करते दिखे। अब ऐसे में रोहित को कम से कम दो ऐसे बल्लेबाजों को तैयार करना चाहिए जो दवाब में आकर ना स्कोर की गति कम करें, ना ही बड़े शाॅट खेलने से बचें। अगर रोहित इस कमी को पूरा कर देते हैं तो फिर भारत का ट्राॅफी जीतना आसान हो जाएगा।

2. बार-बार प्लेइंग इलेवन में बदलाव करने से बचना होगा

2. बार-बार प्लेइंग इलेवन में बदलाव करने से बचना होगा

भारतीय क्रिकेट में माैजूदा समय खिलाड़ियों की कमी नहीं है। अगर कोई एक खिलाड़ी बाहर होता है तो उसकी जगह लेने के लिए 3-4 दावेदार होते हैं। ऐसे में रोहित को ऐसी प्लानिंग तैयार करनी होगी जिससे टीम की प्लेइंग इलेवन बार-बार ना बदलनी पड़े। उन्हें तुरंत अच्छे खिलाड़ियों की पहचान करनी होगी, फिर उन्हें लगातार कुछ माैके देने होंगे। पिछले 4 सालों में भारतीय टीम में कई बदलाव होते दिखे हैं। आईसीसी इवेंट्स में अचानक कई खिलाड़ी आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन कर एंट्री मार देते हैं, लेकिन जब राष्ट्रीय टीम के लिए योगदान देने की बात आती है तो वह बड़े मैचों में जगह पाकर फ्लाॅप हो जाते हैं। ऐसा 2019 वनडे विश्व कप में भी देखने को मिला जब अंबाती रायुडू जैसे सीनियर खिलाड़ी को अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बाहर होना पड़ा और विजय शंकर को माैका मिल गया। विजय फिर टीम के काम नहीं आए। इसके अलावा टी20 विश्व कप 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ फेरबदल देखने को मिला जब युवा ईशान किशन को ओपनिंग करने के लिए भेज दिया तो अनुभवी रोहित को तीसरे नंबर पर आना पड़ा। हालांकि, अब रोहित अगर आगामी टी20 विश्व कप में टीम को मजबूत करना है तो फिर टीम में बार-बार बदलाव करने से बचना होगा। सबसे बड़ा उदाहरण डेविड वार्नर हैं, जो फ्लाॅप चल रहे थे, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मैनेजमेंट ने उनपर भरोसा बनाए रखा जिसका उन्हें फायदा मिला।

3. नंबर-4 की परेशानी करनी होगी खत्म

3. नंबर-4 की परेशानी करनी होगी खत्म

भारतीय टीम के लिए यह परेशानी बहुत पुरानी है। साल 2015 में युवराज सिंह ने इस नंबर पर आकर अच्छी बल्लेबाजी की थी, लेकिन उनके बाद कोई भी ऐसा बल्लेबाज नहीं दिखा जो पक्के ताैर पर इस स्थान की कमी पूरी कर सके। इस नंबर पर पिछले 6 सालों से अंबाती रायुडू, अजिंक्य रहाणे, विजय शंकर, मनीष पांडे, रिषभ पंत और श्रेयस अय्यर को आजमाया गया। वहीं अब सूर्यकुमार यादव को भी इस स्थान पर भेजा गया। लेकिन रोहित को तय करना होगा कि काैन सा बल्लेबाज नंबर पर उतरकर मध्यक्रम को मजबूती दिलाएगा। माैजूदा समय श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव व रिषभ पंत हैं जो नंबर-4 पर कई बार खेलते दिखते हैं। अगर आने वाले मेगा इवेंट्स को ध्यान में रखना है तो रोहित को किसी एक बल्लेबाज को इस नंबर पर ज्यादा माैके देने होंगे। बल्लेबाजी क्रम में बदलाव रहना भी कई बार भारतीय टीम को भारी पड़ चुका है। लेकिन अब इस रणनीति को बदलना होगा। अगर सूर्यकुमार प्लेइंग इलेवन में हैं तो वह नंबर-4 के लिए परफेक्ट हैं, क्योंकि विराट कोहली तीसरे नंबर के बल्लेबाज हैं। अगर सूर्यकुमार नहीं तो फिर श्रेयस अय्यर पर विश्वास करना होगा।

Story first published: Thursday, November 18, 2021, 22:35 [IST]
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