राजस्थान ने की खराब शुरुआत, लोमरोर ने संभाली पारी
उल्लेखनीय है कि अबुधाबी के मैदान पर राजस्थान रॉयल्स ने विस्फोटक अंदाज में शुरुआत तो की लेकिन युवा गेंदबाज नवदीप सैनी, युजवेंद्र चहल और इसुरु उडाना के दम पर आरसीबी ने राजस्थान के टॉप ऑर्डर को पूरी तरह से धवस्त कर दिया। इन गेंदबाजों के दम पर जहां कप्तान स्टीव स्मिथ 5 रन बनाकर आउट हुए तो वहीं जोस बटलर भी 22 रन पर निपट लिये।
वहीं संजू सैमसन भी 4 रन पर वापस लौटे। राजस्थान की टीम ने पावरप्ले के अंदर ही अपने 3 विकेट खो दिये, जिसके बाद युवा बल्लेबाज महिपाल लोमरोर ने रॉबिन उथप्पा के साथ पारी को संभाला, चौथे विकेट के लिये 39 रनों की साझेदारी की कर पाये थे कि रॉबिन उथप्पा चहल की गेंद पर वापस पवेलियन लौटे।
अर्धशतक लगाने से चूके महिपाल लोमरोर
वहीं महिपाल ने इसके बाद रियान पराग के साथ पारी को आगे बढ़ाने का काम किया और 39 गेंदों में 1 चौके और 3 छक्के की मदद से 47 रनों की पारी खेली। हालांकि महिपाल लोमरोर अपना पहला आईपीएल अर्धशतक लगाने से चूक गये। लोमरोर ने चहल जैसे अच्छे गेंदबाज के खिलाफ दो लंबे छक्के लगाये लेकिन चहल ने ही उन्हें देवदत्त पाड्डिकल के हाथों कैच कराकर अपना पहला अर्धशतक लगाने से रोक दिया।
गौरतलब है कि लोमरोर का इस सीजन यह पहला ही मैच था और उन्होंने अपनी शानदार पारी के जरिये अपनी काबिलियत साबित कर दी। हालांकि उनकी पारी की बदौलत राजस्थान एक सम्मानजनक स्कोर तक जरूर पहुंची लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा।
बचपन में पापा ने छोड़ा, दादी ने संभाला
आपको बता दें कि महिपाल लोमरोर घरेलू स्तर पर राजस्थान के लिये ही खेलते नजर आते हैं। राजस्थान के नागौर में जन्मे लोमरोर को महज 11 साल की उम्र में अपना घर छोड़ कर जयपुर रहने जाना पड़ा था। दरअसल नागौर में क्रिकेट की अच्छी सुविधायें नहीं होने के चलते उन्हें जयपुर शिफ्ट होना पड़ा जहां पर वह अपनी बूढ़ी दादी के साथ रहते थे। यहां पर रहते हुए उन्होंने काफी मेहनत की और अपने लिये एक अलग नाम कमाया।
उन्होंने अपने अब तक के करियर में राजस्थान के लिए 33 फर्स्ट क्लास मैचों में 39 से ज्यादा की औसत से 1953 रन बनाये हैं, वहीं लिस्ट ए क्रिकेट में भी उनका औसत लगभग 39 का है।