अगर ऐसा हुआ तो भगवान भी नहीं कर सकते मदद
एक अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के साथ इंटरव्यू देते हुए चेन्नई सुपर किंग्स में धोनी के अंडर खेल चुके एस. बद्रीनाथ ने बताया कि अगर उन्हें किसी खिलाड़ी में क्षमता नजर आ गई तो फिर वह उसे खुद को साबित करने के लिये अतिरिक्त मौके देने से नहीं चूकते।
उन्होंने कहा, 'अगर किसी खिलाड़ी के टैलंट पर धोनी को विश्वास हो जाए तो वह उसे खुद को साबित करने का भरपूर मौका देते हैं। लेकिन अगर धोनी यह मान लें कि किसी खिलाड़ी में कुछ खास नहीं है तो फिर भगवान भी आकर धोनी को उसके पक्ष में बात करें तो भी उसका फायदा नहीं है।'
कप्तान से ज्यादा खिलाड़ियों की भूमिका पर देते हैं जोर
एस बद्रीनाथ ने इस दौरान धोनी की कप्तानी को लेकर बताया कि वह टीम में खिलाड़ियों की भूमिका पर जोर देते हैं न कि कप्तान के बताये रास्तों पर चलने का दबाव बनाते हैं।
उन्होंने कहा, 'धोनी हमेशा यह महसूस करते हैं कि खिलाड़ियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और ज्यादातर समय मेरी भूमिका यही होती थी कि मैं टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालूं।'
टीम में बनाये रखते हैं एक जैसा माहौल
धोनी की कप्तानी की तारीफ करते हुए बद्रीनाथ ने कहा कि उनकी एक खासियत यह भी है कि टीम चाहे जीते या हारे। लेकिन वह टीम का माहौल एक सा बनाए रखते हैं।
उन्होंने बताया, 'मेरी भूमिका मिडल ऑर्डर में थी। धोनी का सबसे मजबूत पक्ष यही था कि वह खिलाड़ियों को एक्स्ट्रा मौका देते हैं। अगर धोनी का लगता है कि बद्री अच्छा है, तो बस। बद्री वहां होगा। एक बार उन्हें भरोसा हो जाए कि यह सही है, तब वह प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ते हैं। वह कहते हैं, 'मैं (धोनी) उसे मौका दूंगा, उसे खुद को साबित करने दो। और अगर ऐसे ही धोनी को यह भरोसा हो गया कि आप उतने अच्छे नहीं हैं, तब भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकता। उनका अपना माइंडसेट है और वह उस पर ही भरोसा करते हैं, फिर चाहे जो हो।'