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'ऐसा हुआ तो भगवान भी नहीं बचा सकते', एस बद्रीनाथ ने धोनी की कप्तानी को लेकर किये कई खुलासे

नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी के खेल और उनकी कप्तानी के दीवानों की न तो मैदान पर कमी है और न ही मैदान के बाहर। उन्हें हमेशा ही युवाओं को प्रेरित करने के लिये जाना गया है। हालांकि टीम इंडिया में खेल चुके और चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में धोनी के अंडर खेलने वाले एस बद्रीनाथ ने इस खिलाड़ी की कप्तानी को लेकर कई ऐसी बातों का खुलासा किया है जिसके बारे में जानकर हैरानी होती है।

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एस बद्रीनाथ का मानना है कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान में युवा खिलाड़ियों में भरोसा जगाने का टैलेंट है जो सहज रूप से उन पर दबाव को कम करता है और खिलाड़ी खुद ब खुद प्रदर्शन करने लगते हैं। हालांकि इस बीच उन्होंने यह भी कहा कि अगर धोनी को लगा कि आपके अंदर क्षमता नहीं है तो फिर भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकते।

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अगर ऐसा हुआ तो भगवान भी नहीं कर सकते मदद

अगर ऐसा हुआ तो भगवान भी नहीं कर सकते मदद

एक अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के साथ इंटरव्यू देते हुए चेन्नई सुपर किंग्स में धोनी के अंडर खेल चुके एस. बद्रीनाथ ने बताया कि अगर उन्हें किसी खिलाड़ी में क्षमता नजर आ गई तो फिर वह उसे खुद को साबित करने के लिये अतिरिक्त मौके देने से नहीं चूकते।

उन्होंने कहा, 'अगर किसी खिलाड़ी के टैलंट पर धोनी को विश्वास हो जाए तो वह उसे खुद को साबित करने का भरपूर मौका देते हैं। लेकिन अगर धोनी यह मान लें कि किसी खिलाड़ी में कुछ खास नहीं है तो फिर भगवान भी आकर धोनी को उसके पक्ष में बात करें तो भी उसका फायदा नहीं है।'

कप्तान से ज्यादा खिलाड़ियों की भूमिका पर देते हैं जोर

कप्तान से ज्यादा खिलाड़ियों की भूमिका पर देते हैं जोर

एस बद्रीनाथ ने इस दौरान धोनी की कप्तानी को लेकर बताया कि वह टीम में खिलाड़ियों की भूमिका पर जोर देते हैं न कि कप्तान के बताये रास्तों पर चलने का दबाव बनाते हैं।

उन्होंने कहा, 'धोनी हमेशा यह महसूस करते हैं कि खिलाड़ियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और ज्यादातर समय मेरी भूमिका यही होती थी कि मैं टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालूं।'

टीम में बनाये रखते हैं एक जैसा माहौल

टीम में बनाये रखते हैं एक जैसा माहौल

धोनी की कप्तानी की तारीफ करते हुए बद्रीनाथ ने कहा कि उनकी एक खासियत यह भी है कि टीम चाहे जीते या हारे। लेकिन वह टीम का माहौल एक सा बनाए रखते हैं।

उन्होंने बताया, 'मेरी भूमिका मिडल ऑर्डर में थी। धोनी का सबसे मजबूत पक्ष यही था कि वह खिलाड़ियों को एक्स्ट्रा मौका देते हैं। अगर धोनी का लगता है कि बद्री अच्छा है, तो बस। बद्री वहां होगा। एक बार उन्हें भरोसा हो जाए कि यह सही है, तब वह प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ते हैं। वह कहते हैं, 'मैं (धोनी) उसे मौका दूंगा, उसे खुद को साबित करने दो। और अगर ऐसे ही धोनी को यह भरोसा हो गया कि आप उतने अच्छे नहीं हैं, तब भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकता। उनका अपना माइंडसेट है और वह उस पर ही भरोसा करते हैं, फिर चाहे जो हो।'

Story first published: Sunday, July 12, 2020, 17:58 [IST]
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