सबा करीम ने चयन को लेकर उठाये सवाल
सबा करीम ने चयनकर्ताओं के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब हार्दिक पांड्या पूरी तरह से फिट नहीं थे तो उन्हें किस आधार पर टीम में जगह दी गई। इसको लेकर सबा करीम ने नियमों का उल्लेख भी किया और कहा कि चयनकर्ताओं के सामने नाम दिये जाने से पहले खिलाड़ी को अपनी फिटनेस साबित करनी होती है। ऐसे में पहले दो मैचों में मुंबई के लिये मैदान पर न उतरने के बाद हार्दिक पांड्या की फिटनेस को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। माना जा रहा है कि हार्दिक पांड्या चोटिल हैं और मैनेजमेंट ने उनके जल्दी ठीक होने की बात कही है।
चयन से पहले खिलाड़ी को साबित करनी होती है फिटनेस
सबा करीम ने अपने यूट्यूब चैनल पर खेलनीति पर बात करते हुए कहा,'वह (हार्दिक) बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन सवाल यह है कि जब वो भारत की विश्वकप टीम में चुने गये तो क्या वो पूरी तरह से फिट थे या नहीं। अगर वो फिट थे तो उनका चयन होना जायज है और अगर नहीं थे तो उनको यह चोट कब लगी। अगर उन्हें यह चोट पहले से ही थी तो उनका चयन किस आधार पर किया गया। क्रिकेट के नियमों के अनुसार आपको एनसीए के सामने अपनी फिटनेस साबित करनी होती है और एनसीए जाकर वापस आना होता है। यह नियम सभी पर लागू होता है। तो सवाल जायज है लेकिन हम नहीं जानते कि पांड्या के साथ असल में क्या हुआ है।'
सूर्यकुमार-किशन को लेकर रखना होगा संयम
पश्चिम बंगाल और बिहार के पूर्व विकेटकीपर बैटर ने आगे बात करते हुए कहा कि चयनकर्ताओं ने ईशान किशन को चुन कर कोई गलती नहीं की है। रमीज राजा ने यह बयान आईपीएल में लगातार रन बनाने में नाकाम हो रहे ईशान किशन को लेकर दिया है जो कि पिछली दो पारियों में खासा योगदान नहीं दे सके हैं। सबा करीम का मानना है कि ईशान किशन ने भारतीय टीम के लिये खेली गई पारियों में जिस तरह से रनों का योगदान दिया है वह सकारात्मक साइन हैं। उन्होंने सूर्यकुमार को लेकर भी यह बात कही है।
उन्होंने कहा,'हम बहुत जल्दी प्रतिक्रिया देकर किसी को जज करने लग जाते हैं। टी20 प्रारूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना बड़ी चुनौती होती है। एक क्रिकेट फैन के तौर पर हमें सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन जैसे खिलाड़ियों के लिये ज्यादा संयमित होना पड़ेगा।'