इसे आउट करना रहा मुश्किल
दोनों बल्लेबाजों के लिए कठिन संभावनाएं थीं और उनकी अलग-अलग विशेषताएं थीं। सचिन और लारा अपनी पीढ़ियों के सबसे गतिशील क्रिकेटरों में से दो थे और दुनिया भर में अधिकांश परिस्थितियों में सफलता का स्वाद चखा। यहां तक कि 2007 विश्व कप के बाद लारा के रिटायर होने के बाद, तेंदुलकर ने 2013 में कैरिबियाई टीम के खिलाफ मुंबई टेस्ट के बाद गेंदबाजी की। साउथ वेल्स में जन्मे गिलेस्पी ने काउ कॉर्नर हिस्ट्री पर कहा, "दोनों अलग-अलग प्रकार के खिलाड़ी, दोनों समान तरीके से मुश्किल। मुझे हमेशा लगता है कि सचिन को आउट कर पाना मुश्किल है क्यों कि वह लारा की तरह आपको मारते नहीं थे।
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दोनों बेहतरीन थे
उन्होंने कहा कि दोनों शानदार खिलाड़ी हैं। मैं इस बात से खुश हूं कि मुझे अब इन दोनों को गेंदबाजी नहीं करना पड़ती। यह दोनों बेहतरीन थे। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैं आपके सामने बैठकर यह बता रहा हूं कि मैंने इन दोनों को गेंदबाजी की।
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10 साल रहा गिलेस्पी का करियर
बता दें कि गिलेस्पी ने आस्ट्रेलिया की तरफ से नवंबर 1996 से अप्रैल 2006 तक 10 साल का समय बिताया। उन्होंने अपने करियर में, 71 टेस्ट और 97 वनडे खेले, जिसमें उन्होंने क्रमशः 259 और 142 विकेट लिए। उन्होंने आखिरी बार 2006 में चटोग्राम में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।।
नेहरा ने कहा- 2003-04 के पाक दौरे पर यह भारतीय बॉलर इमरान खान से ज्यादा पॉपुलर था