15 नवंबर को किया था अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण
जी हां, महान सचिन तेंदुलकर ने भारत में अकेले अपने दम पर भी क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने में जो योगदान दिया है, उसकी किसी से कोई तुलना नहीं की जा सकती। क्रिकेट में चार चांद लगाने वाले इस विनम्र बल्लेबाज ने आज ही के दिन यानी की 15 नवंबर 1989 को अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था।
मैदान पर उतरने के साथ ही बना डाला ये रिकॉर्ड
सचिन को रिकॉर्ड बनाने की आदत जैसे मैदान में उतरने के पहले ही दिन से थी। जब इस दिन उन्होंने भारत के लिए पदार्पण किया था, तभी से वे सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले केवल विश्व में केवल तीसरे क्रिकेटर थे। क्रिकेट तब 90 के दशक के शुरूआती सालों में प्रवेश कर रहा था और ये दौर विश्व क्रिकेट में बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का दौर भी कहा जाता है। मजेदार बात यह थी एक तरफ भारत की ओर से सचिन ने अपना डेब्यू किया तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की ओर से वकार युनूस ने। सभी जानते हैं वकार ने बाद में किस तरह से अपनी स्विंग की सल्तनत कायम की थी।
नेहरा ने बताया अॉस्ट्रेलिया में कौन सा भारतीय तेज गेंदबाज पास होगा और कौन सा फेल
बड़े खिलाड़ियों के बीच सबसे बड़े खिलाड़ी का आगाज
वैसे आपको बता दें कि इस दिन सलिल अंकोला और शाहिद सईद जैसे नामों ने भी अपने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट जगत की शुरूआत की थी। लेकिन यह दिन सचिन और वकार के पदार्पण के लिए ही याद किया जाता है। तब टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर थी और लाहौर में खेले गए पहले मैच के साथ ही भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में 16 साल के सचिन तेंदुलकर को मौका दिया गया था। उस समय भारतीय टीम के कप्तान कृष्णामचारी श्रीकांत थे, जबकि पाकिस्तान की कमान धुरंधर ऑलराउंडर इमरान खान के हाथों में थी। टीम इंडिया गावस्कर, वेंगसरकर और मोहिंदर अमरनाथ जैसे सितारों से सजी हुई थी। ऐसे में सचिन के लिए अपना टैलेंट दिखाने का पूरा मौका था।
वकार युनूस ने 15 रन पर कर दिया था बोल्ड
पहले मैच की परीक्षा बहुत कठिन होती है और खासकर पाकिस्तान के तगड़े गेंदबाजी अटैक के सामने 16 साल के सचिन छोटे बच्चे की तरह से लग रहे थे। ये बात वकार ने एक इंटरव्यू के दौरान खुद स्वीकार की थी। सचिन इस मैच में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और 24 गेंदों में 15 रन बनाकर वकार यूनुस की गेंद पर बोल्ड हो गए। लेकिन, बड़े खिलाड़ियों के खेलने के तरीकों से ही उनका भविष्य पता लग जाता है। सभी जानते हैं कि बाद में सचिन ने बल्लेबाजी के नए पुराने कीर्तिमान ध्वस्त करके पहाड़ जैसे रनों का अंबार खड़ा किया और रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी। वहीं, वकार ने भी गेंदबाजी की दुनिया में जो अपना नाम किया, उसके लिए वे दुनिया के सबसे बेहतरीन रिवर्स स्विंगर में गिने जाते हैं।
INDvsAUS: स्मिथ और वॉर्नर का नहीं होना भारत में कोहली और रोहित के नहीं होने के बराबर !
सचिन का पहला और कपिल का 100 वां मैच
सचिन ने टेस्ट करियर में कुल 200 टेस्ट मैच खेल है और ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जो शायद कोई ना तोड़ पाए, विराट कोहली भी नहीं। ये बात खुद हाल ही में वीरेंद्र सहवाग ने स्वीकार करी है। मास्टर ब्लास्टर के पूरे टेस्ट करियर पर निगाह डाली जाए तो उन्होंने 200 टेस्ट मैचों में 53.78 की औसत से 15921 रन बनाए, जिनमें 51 शतक और 68 अर्धशतक शामिल हैं। सचिन का डेब्यू मैच ना केवल वकार युनूस का भी डेब्यू था, बल्कि इस मैच में कपिल देव ने भी अपने कुल टेस्ट मैचों की संख्या का शतक पूरा किया था। इस तरह से आज का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए अमिट छाप छोड़ने वाला साबित हुआ।
सचिन के बारें में कुछ दिलचस्प तथ्य:
डेब्यू करने से पहले सचिन तेंदुलकर का सपना तेज गेंदबाज बनने का था। साल 1987 में लिली की MRF फाउंडेशन ने सचिन को रिजेक्ट कर दिया था। तब उनकी उम्र केवल 14 साल थी। उनकी कम लंबाई ने उनको बड़ा तेज गेंदबाज तो बनने नहीं दिया लेकिन बल्लेबाजी में सचिन ने पूरी दुनिया को अपने सामने बौना कर दिया। जैसे जैसे वे नए नए कीर्तिमान स्थापित करते गए वैसे वैसे ही बाजार की दुनिया भी उनके सामने झुकती गई। अक्टूबर 1995 में सचिन तेंदुलकर ने वर्ल्ड टेल के साथ 31.5 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट पांच सालों के लिए साइन किया था और इसके साथ ही वह दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेटर बन गए थे। सचिन तेंदुलकर की फरारी कार को लेकर भी जमकर चर्चा हुई थी लेकिन कम ही लोगों को पता है कि सचिन की पहली कार मारुति-800 थी।