नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 1983 विश्व कप की जीत को याद करते हुए शुक्रवार को कहा कि उस दिन ने भारतीय क्रिकेट इतिहास को हमेशा के लिए बदल दिया। 48 वर्षीय सचिन ने कहा कि वह हमेशा हर विकेट के गिरने और उस ऐतिहासिक क्षण को देखने का गौरव याद रखेंगे, जब भारत ने 25 जून 1983 को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराया था।
सचिन ने कहा, ''एक दिन जिसने भारतीय क्रिकेट इतिहास को हमेशा के लिए बदल दिया है और 2 और विश्व कप (2007 टी 20 विश्व कप और 2011 में 50 ओवर का विश्व कप) जीतकर एक सबसे मजबूत पक्ष बन गया है। कपिल देव लॉर्ड्स की बालकनी में विश्व कप ट्रॉफी उठाने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए, जब उनकी टीम ने ऐतिहासिक फाइनल में गत चैंपियन वेस्टइंडीज को हरा दिया। ट्रॉफी जीत ने 750 मिलियन के राष्ट्र को प्रेरित किया और एक साथ सबको जोड़ा। अभी भी ऐसा करना जारी है।''
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बता दें कि पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत केवल 183 रनों पर आउट हो गया। लक्ष्य गॉर्डन ग्रीनिज, डेसमंड हेन्स, सर विवियन रिचर्ड्स और कप्तान क्लाइव लॉयड की बल्लेबाजी लाइन-अप के लिए आसान हो सकता था। विंडीज रैंक में प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए, कुल काफी हद तक पीछा करने योग्य लग रहा था, हालांकि, भारत के आक्रमण से अच्छी गेंदबाजी ने अपने विरोधियों को सिर्फ 140 रनों पर ढेर कर दिया।
मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल गेंदबाजी में स्टार बनकर सामने आए। उन्होंने तीन-तीन विकेट लिए और भारत ने 43 रनों की ऐतिहासिक जीत दर्ज की। यह भारतीय क्रिकेट के लिए वास्तव में एक ऐतिहासिक दिन था क्योंकि देश के क्रिकेटरों की आने वाली पीढ़ियां भारत के आने वाले युग के क्षण से प्रेरणा लेती रहती हैं।