नई दिल्लीः भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत का टीम के साथ शानदार साल रहा है। पंत ने अपनी बल्लेबाजी को पूरी तरह से अलग स्तर पर ले लिया है और विपक्षी टीम को अपने आक्रामक स्टाइल से सिरदर्द दिया है। कोई भी स्थिति हो, पंत गेंद पर प्रहार करके अपना स्वाभाविक खेल खेलते हैं।
ये ठीक ऐसी स्थिति है जैसी कभी एडम गिलक्रिस्ट के सामने विरोधी की होती है। यानी विरोधी टीम पांच विकेट पहले ही ले ले, तो भी वे राहत की सांस नहीं ले सकते, क्योंकि पंत निडर होकर अपना खेल खेलेंगे। हाल ही में क्विंटन डी कॉक भी दक्षिण अफ्रीका के लिए यही कर रहे हैं।
स्वाभाविक रूप से, पंत के शानदार उदय ने उनकी तुलना महान क्रिकेटर गिलक्रिस्ट या एमएस धोनी से कर दी है।
हालांकि सचिन तेंदुलकर हालांकि मानते हैं कि 23 वर्षीय की तुलना गिलक्रिस्ट या किसी अन्य विकेटकीपर-बल्लेबाज से नहीं की जानी चाहिए। पूर्व सलामी बल्लेबाज ने यह भी कहा कि लगातार तुलना के साथ दबाव बनाने के बजाय पंत को अपनी पहचान बनाने की छूट दी जानी चाहिए।
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तेंदुलकर ने सीएनएन न्यूज18 को बताया, "मुझे खिलाड़ियों की तुलना करना पसंद नहीं है, प्रत्येक खिलाड़ी की अपनी पहचान होती है। ऋषभ पंत खुद को दूसरे एडम गिलक्रिस्ट नहीं बल्कि ऋषभ पंत के नाम से ही पहचान करना चाहेंगे। हर व्यक्ति को अपनी पहचान पसंद होती है, वही ऋषभ भी चाहेंगे।"
पंत की बैटिंग ने विकेटकीपिंग को भी आत्मविश्वास दिया है, जिसमें काफी सुधार हुआ है। तेंदुलकर ने उनके प्रयासों की सराहना की और महसूस किया कि जब वह और अधिक खेलेंगे तो वह और अधिक विकसित होंगे।
बाए हाथ के बल्लेबाज पंत जल्द ही साउथेम्प्टन में शुक्रवार से शुरू हो रहे न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में एक्शन में नजर आएंगे।