नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से हितों का टकराव मामले में भारतीय टीम(Team India) के तीन पूर्व महान क्रिकेटरों के लिए सिरदर्दी झेलनी पड़ी रही है। पहले तो बीसीसीआई(BCCI) लोकपाल ने साैरव गांगुली को घेरे में लिया और अब सचिन तेंदुलकर(Sachin Tendulkar) के साथ-साथ वीवीएस लक्ष्मण की भूमिका पर भी सवाल उठा दिए हैं। बीसीसीआई के लोकपाल और नैतिक अधिकारी डीके जैन(DK Jain) ने महान क्रिकेटर सचिन के साथ-साथ वीवीएस लक्ष्मण(VVS Laxman) को आईपीएल फ्रैंचाइजी के मेंटॉर के साथ क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य होने के कारण कथित हितों के टकराव के लिए नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब सचिन ने BCCI पर हमला बोलते हुए दिया।
सचिन तेंदुलकर ने हितों के टकराव मामले को बीसीसीआई द्वारा समाधान योग्य करार देने की दलील को खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए बीसीसीआई ही जिम्मेदार है। सचिन पर आरोप है कि वह क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य के साथ मुंबई इंडियंस के 'आइकन' होने के कारण दोहरी भूमिका निभा रहे हैं जो हितों के टकराव का मामला है। सचिन ने लिखत रूप से बीसीसीआई लोकपाल को जवाब देते हुए लिखा कि किसी पक्षपात के बिना नोटिस प्राप्तकर्ता (तेंदुलकर) इस बात पर आश्चर्य जाहिर करता है कि उसे सीएसी सदस्य बनाने का फैसला बीसीसीआई ने ही लिया था और अब वे ही इसे हितों के टकराव का मामला बता रहे हैं। नोटिस प्राप्तकर्ता को संन्यास (आईपीएल से) के बाद 2013 में ही मुंबई इंडियंस का आइकन बनाया था, जो सीएसी (2015) के अस्तित्व में आने से काफी पहले से है।
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वहीं लक्ष्मण ने भी नोटिस का जवाब सचिन के अंदाज में ही दिया है। लक्ष्मण ने लिखा कि ना तो सीईओ और ना ही सीओए ने कभी भी सीएसी के तौर पर उनकी नियुक्ति से जुड़ी शर्तों के बारे में बताया। नोटिस प्राप्तकर्ता ने सीएसी में अपनी भूमिका के बारे में कई बार बीसीसीआई से स्पष्टिकरण की मांग की, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला। बीसीसीआई को पता है कि सीएसी सिर्फ सलाहकार की भूमिका निभा सकता है ऐसे में मुंबई इंडियंस के आइकन के तौर पर रहना कोई टकराव का मामला नहीं है।