नई दिल्ली। हाल ही में आईपीएल-12 के दौरान सचिन तेंदुलकर समेत भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों पर हितों के टकराव संबंधी आरोप लगाए गए थे। इस केस को बीसीसीआई के लोकपाल (नैतिक अधिकारी) न्यायमूर्ती डीके जैन देख रहे थे। सचिन के खिलाफ क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का सदस्य होने के साथ ही आईपीएल की फ्रेंचाइजी से भी जुड़े होने के कारण शिकायत दर्ज कराई थी।
अब इस बारे में बड़ी खबर सामने ये आ रही है कि लोकपाल ने सचिन के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप खारिज कर दिए। जैन ने अपने दो पेज के फैसले में आरोपों को निराधार करार दिया तथा कहा कि तेंदुलकर ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी कि वह सीएसी के सदस्य के रूप में काम नहीं करेंगे जिसके बाद यह मामला निबटा दिया गया।
आपको बता दें कि सचिन ने सहमति योग्य 'कार्यक्षेत्र की शर्तें' उपलब्ध नहीं कराने की दशा में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है। इस कारण सचिन के खिलाफ वर्तमान शिकायत कोई मायने नहीं रखती हैं। लोकपाल ने इसकी अपने फैसले में इसकी जानकारी देते हुए बताया, 'सचिन के खिलाफ वर्तमान शिकायत को निराधार करार दिया जाता है और इस प्रकार उसका निपटारा किया जाता है।'
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न्यायमूर्ति जैन ने अपने फैसले में आगे कहा, 'एक बार जब बीसीसीआई कार्यक्षेत्र की शर्तों तथा कार्यकाल को स्पष्ट कर देता है तो वह (सचिन) इसका हिस्सा बनने के बारे में फैसला करेंगे।' अगर ऐसा नहीं हो पाता तो सचिन विश्व कप के बाद नए कोच की चयन प्रकिया में शामिल नहीं होंगे।
आपको बता दें गांगुली जहां आईपीएल-12 में दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार थे तो सचिन और लक्ष्मण क्रमशः मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद में यही पद संभाल रहे थे। इन खिलाड़ियों पर शिकायत बीसीसाआई के नियमों और नियमन के अंतर्गत आर्टिकल 39 के तहत दर्ज हुई थी। आपको बता दें कि जस्टिन जैन भारतीय क्रिकेट बोर्ड के लोकपाल होने के साथ ही नैतिक अधिकारी (Ethical Officer) का दायित्व भी निभा रहे हैं।