नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को हाल ही में कहा कि क्रिकेट विविधता के बिना कुछ भी नहीं है। उसने यह बयान अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जार्ज फ्लॉयड की मिनियापॉलिस में मौत के बाद वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बने नस्लवाद के संबंध में दिया था। आईसीसी ने पिछले साल इंग्लैंड के आईसीसी विश्व कप के चैंपियन बनने के कुछ पलों को एक वीडियो के जरिए साझा किया और संदेश दिया कि विविधता के बिना असली तस्वीर आपके सामने नहीं आती। अब भारत के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी इस वीडियो को शेयर कर एक मजबूत संदेश दिया।
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सचिन ने वीडियो शेयर कर लिखा, ''नेल्सन मंडेला ने कहा था, खेल में दुनिया को बदलने की ताकत है। यह दुनिया को एक तरह से एकजुट करने की शक्ति रखता है जो बहुत कम लोग करते हैं।'' बुद्धिमानी के शब्द। इंग्लैंड की टीम ने जब वनडे विश्व कप जीता तो उसका कप्तान आयरिश (इयोन मोर्गन) था। उसकी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन न्यूजीलैंड में जन्में आलराउंडर (बेन स्टोक्स) ने किया। उसके स्पिनर (मोईन अली और आदिल राशिद) पाकिस्तानी मूल के थे और उसका एक सलामी बल्लेबाज (जैसन रॉय) दक्षिण अफ्रीकी मूल का था।
Nelson Mandela once said,
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) June 6, 2020
“Sport has the power to change the world. It has the power to unite the world in a way that little else does.”
Wise words. @icc @LaureusSport pic.twitter.com/qHuphZ3gc3
वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और दो बार टी20 विश्व कप विजेता कप्तान डेरेन सैमी सहित प्रमुख क्रिकेटरों ने हाल में खेल में नस्लवाद पर बात की। सैमी ने तो आईसीसी से अश्वेत क्रिकेटरों के समर्थन में सामने आने का आग्रह किया था। सैमी ने मंगलवार को कहा था, ''ताजा वीडियो देखने के बाद इस समय अगर क्रिकेट जगत अश्वेतों पर हो रही नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा नहीं होगा तो उसे भी इस समस्या का हिस्सा माना जायेगा। ''
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