नई दिल्ली। दुनिया के सबसे महान क्रिकेटर्स में शामिल मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर कोरोना वायरस के बीच बड़ी खुशखबरी मिली है। सचिन तेंदुलकर और ऑस्ट्रेलिया की बैट बनाने वाली कंपनी स्पार्टन के बीच पिछले 4 सालों से चला आ रहे कानूनी विवाद को आखिरकार सुलझा लिया गया है। यह केस ऑस्ट्रेलिया की फेडरल कोर्ट में चल रहा था जिसे सुलझाते हुए बैट बनाने वाली कंपनी स्पार्टन ने सचिन तेंदुलकर से माफी मांग ली।
उल्लेखनीय है कि साल 2016 में सचिन तेंदुलकर और स्पार्टन कंपनी के बीच एक करार किया गया था जिसमें मास्टर ब्लास्टर को उनके खेल के सामान को प्रमोट करना था, हालांकि बाद में सचिन ने कंपनी पर आरोप लगाया कि स्पॉर्टन ने करार की शर्तों का पालन नहीं किया और उन्हें रॉयल्टी के साथ एंडोर्समेंट फीस भी नहीं दी जो कि करार के तहत तय की गई थी। इसके अलावा कंपनी ने करार रद्द होने के बाद भी सचिन के नाम का इस्तेमाल किया।
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सचिन तेंदुलकर ने कंपनी पर केस करते हुए कहा कि उन्होंने कंपनी के प्रमोशन के लिये मुंबई और लंदन में कई तरह के कार्यक्रमों में भाग लिया जिसके चलते वह किसी और कंपनी के साथ करार नहीं कर सके। सचिन ने अपने दावे में स्पार्टन कंपनी और उसके निर्देशक कुणाल शर्मा तथा लेस गलाब्रेथ पर अनुबंध तोड़ने, गलत व्यवहार, आज्ञापत्र को खत्म करने के साथ ही उनका बिना इजाजत उनका ट्रेड मार्क शॉट तस्वीर का साथ इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
कंपनी की तरफ से माफी मांगते हुए एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया, 'स्पार्टन सचिन से उनके स्पॉन्सरशिप करार के उल्लंघन को लेकर माफी मांगती है और सचिन का इस मामले के निपटने तक धैर्य बनाए रखने के लिए धन्यवाद देती है। स्पार्टन कंपनी सार्वजनिक तौर पर यह कबूल करती है कि उसका सचिन के साथ 17 सितंबर 2018 के बाद से कोई करार नहीं है।'
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वहीं सचिन तेंदुलकर की मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से जवाब देते हुए कहा गया, 'सचिन इस मामले को खत्म कर और इस मामले में एक मित्रतापूर्ण समाधान पर पहुंच कर काफी खुश हैं।'
हालांकि अब दोनों के बीच केस को सुलझा लिया गया है जिसके अनुसार स्पार्टन कंपनी ने अपने ऊपर लगे कुछ आरोपों को स्वीकार कर लिया है और उस पर आये कोर्ट के आदेश को मानने की बात कही है। इसमें सचिन तेंदुलकर का नाम, उनकी फोटो और एंडोर्समेंट के लिये उनके ट्रेडमार्क शॉट की तस्वीर को इस्तेमाल करने के आरोप शामिल है जिसे कंपनी ने अब रद्द कर दिया है।