कांबली का कहना है कि हमने बहुत सारी बातें एक दूसरे से शेयर की। कांबली ने कहा कि शारदाश्रम स्कूल में हमारे बीच 664 रनों की जो साझेदारी हुई थी। वह हम दोनों के करिअर के लिए लाइफ चेंजिंग साबित हुई। मुंबई टेस्ट में जितना भावुक सचिन था मैं भी कई बार खुद को रोने से नहीं रोंक पाया लेकिन उसने जिस तरह से देश और क्रिकेट की सेवा की, मैं उसे सैल्यूट करता हूं।
गौर हो कि सचिन ने अपने सन्यास के बाद आयोजित डिनर पार्टी में क्रिकेटरों, नेताओं और अभिनेताओं को बुलाया लेकिन कांबली को निमंत्रण नहीं दिया। सचिन ने कांबली को मुंबई टेस्ट देखने आने के लिए भी आमंत्रित नहीं किया। कांबली का कहना है कि हम एक दूसरे से लगभग सात साल पहले मिले थे।
इसके अलावा 2009 में एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कांबली ने कहा कि सचिन ने मेरे करिअर के मुश्किल दौर में मेरी मदद नहीं की थी।