नई दिल्ली। इन दिनों आईपीएल की धूम मची है, खेल प्रशंसकों को यह खेल खासा रोमांचित करता है। बल्लेबाज की शानदार पारी हो या फिर किसी गेंदबाज की धारदार गेंदबाजी दर्शक झूम उठता है,अक्सर हम किसी भी खेल को सिर्फ खिलाड़ियों के प्रदर्शन से ही छोटा बड़ा बनाकर देखते हैं, लेकिन इस खेल में एक और बेहद मजबूत कड़ी होती है जिसका रोल इस खेल में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है वो है अंपायर का। अंपायर का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा ये पंक्तिया तो हम सबने सुनी ही होंगी। अक्सर जब हम खेल में कमाई व ग्लैमर की बात करते हैं तो हम खिलाड़ियों की तो चर्चा करते हैं लेकिन अंपायर को भूल जाते हैं जबकि खिलाड़ियों के साथ-साथ मैच में अंपायरों को भी अच्छी खासी रकम दी जाती है।
आईपीएल में होते हैं दो तरह के अंपायरः इन दिनों आईपीएल का खुमार सभी खेल प्रेमियों पर देखने को मिल रहा है ऐसे में बता दें कि आईपीएल में दो तरह के अंपायर होते हैं। एक होते हैं एलीट अंपायर जिनकी रिपोर्ट्स के अनुसार कमाई 2700-3200 डॉलर तक होती है यानी की करीब 1 लाख 92 हजार रुपये, वहीं दूसरी तरफ होते हैं एंट्री लेवल अंपायर जिनको हर मैच में 100 डॉलर दिए जाते हैं। अगर पूरे आईपीएल सीजन की बात करें तो एलिट अंपायर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये तक कमा सकता है जबकि एंट्री लेवल अंपायर 12 लाख के करीब कमा पाते हैं। वहीं अगर कई खेल विशेषज्ञों की बात मानें तो टेस्ट मैच में अंपायर की सैलरी करीब 3000 डॉलर होती है वनडे में करीब 1000 डॉलर तक की कमाई कर सकते हैं।
कैसे बनते हैं अंपायरः बता दें कि जिस तरह से एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए बेहतर खेलना जरूरी है और अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाए रखना जरूरी है वैसे ही अंपायर बनने के लिए क्रिकेट की तमाम बारीकियों के साथ 42 नियमों को जानना जरूरी है । इसके साथ ही अंपायर का व्यवहार भी काफी मायने रखता है। अंपायर बनने के लिए राज्य स्तर की खेल शाखाएं समय-समय पर परीक्षाएं आयोजित करती हैं। अगर कोई प्रतियोगी इन परीक्षाओं में सफल हो जाता है तो वह बीसीसीआई द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में बैठने के लिए योग्य हो जाता है। अगर वह बीसीसीआई की दूसरे स्तर की भी परीक्षा पास कर लेता है तो वह बीसीसीआई के पैनल के लिए चुन लिया जाता है और फिर कुछ दिनों तक राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करने के बाद अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग का मौका दिया जाता है।