नई दिल्ली। बॉल टेंपरिंग विवाद एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इस बार डेविड वॉर्नर के मैनेजर जेम्स इर्स्किन ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 2018 में इस पूरे मामले में जो जांच हुई थी वह मजाक है, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सभी खिलाड़ियों का इंटरव्यू नहीं लिया। मुझे खुद इस पूरे मामले की जानकारी थी और मुझे इसका पूरा सच पता था, जोकि जल्द ही लोगों के सामने आएगा। जेम्स ने कहा कि अब इस सच के कोई मायने नहीं है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के लोगों ने कुछ समय के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम को बिल्कुल भी पसंद नहीं किया क्योंकि टीम ने अच्छा बर्ताव नहीं किया था।
तीन साल बाद इस पूरे विवाद में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब कैमरून बैनक्रॉफ्ट ने कहा कि इस पूरे विवाद में तीन खिलाड़ियों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं और उन्हें भी इस मामले की जानकारी है। बता दें कि बैनक्रॉफ्ट पर छह महीने का प्रतिबंध लगा था जबकि स्टीम स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर एक-एक साल का प्रतिबंध लगा था। यही नहीं वॉर्नर पर आजीवन ऑस्ट्रेलिया टीम का कप्तान नहीं बनने का प्रतिबंध लगा है और अब वह कभी भी ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान नहीं बन सकते हैं।
हालांकि इतने साल के बाद अब तीनों ही खिलाड़ी टीम में वापसी कर चुके हैं। लेकिन बैनक्रॉफ्ट का दावा है कि इस मामले की जानकारी गेंदबाजों को भी थी, उन्हें पता था कि रेघमाल का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही वजह है कि इस पूरे मामले की एक बार फिर से जांच होने जा रही है। जेम्स इर्स्कीन का कहना है कि अगर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को पूरा सच पता होता तो तीनों खिलाड़ियों को सजा कम मिलती। जेम्सने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि स्मिथ, वॉर्नर और बैनक्रॉफ्ट को गलत तरह से ट्रीट किया गया, मामले का सच यह है कि उन्होंने गलत किया, लेकिन जो सजा उन्हें दी गई वह उससे कहीं ज्यादा थी। मुझे लगता है कि अगर उनमे से एक या दो खिलाड़ियों ने कानूनी कार्रवाई की होती तो इस मामले का पूरा सच सामने आ सकता था।