अपने फायदे के लिये करते हैं नियमों का गलत इस्तेमाल
संजय मांजरेकर ने मैच खत्म होने के बाद टीम की जीत पर खुशी जताई लेकिन कहा कि भारतीय टीम ने जिस तरह से जडेजा की जगह चहल को बतौर कनकशन सब्स्टिट्यूट की तरह मैदान पर उतारा है वह जल्द ही आने वाले समय में आईसीसी को इस पर गौर करने और इसमें बदलाव करने पर मजबूर करेगा।
उन्होंने कहा,' मुझे लगता है कि इस मैच के बाद कनकशन सबस्टिट्यूट को लेकर काफी चर्चा होने वाली है। इसके पीछे एक ही कारण है कि आईसीसी की तरफ से बनाये गये नियमों में हम लूपहोल ढूंढने में माहिर हैं और हमारे भले के लिये बनाये गये नियमों का अपने फायदे के लिये गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। क्या भारतीय टीम ने इस नियम का फायदा उठाया है, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन अब इस घटना के बाद आईसीसी इस नियम पर दोबारा गौर करेगी ताकि किसी एक टीम को इसका इतना लाभ न हो।'
भारत की वजह से आईसीसी करेगा नियम में बदलाव
उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि अगर जडेजा को कनकशन की दिक्कत हो रही थी तो मैदान पर गेंद लगने के बाद तुरंत कोई फिजियो क्यों नहीं आया। इसी बात पर ध्यान दिलाते हुए मांजरेकर ने कहा कि मुझे लगता है कि यह नियमों का उल्लंघन है और अगर कोई कनकशन प्रोटोकॉल से नहीं गुजरता तो यह वाकई में टीम की सोच पर सवाल उठाता है।
उन्होंने कहा,'जैसा कि ग्लेन ने कहा कि क्या आईसीसी और मैच रेफरी को इस बात से दिक्कत नहीं होनी चाहिये कि जब गेंद सिर पर लगी तब मैदान पर कोई फिजियो जांच के लिये क्यों नहीं आया। कोई यह तक पूछने नहीं आया कि क्या वो ठीक हैं बल्कि वह बल्लेबाजी करते चले गये। मेरे हिसाब से यह नियमों का उल्लंघन था और मुझे पूरी उम्मीद है कि मैच रेफरी इस बारे में भारतीय टीम से जरूर बात करेंगे कि भारतीय टीम ने कनकशन सब्स्टिट्यूट का विकल्प तो लिया लेकिन उन प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं किया जो कि सिर पर गेंद लगने के बाद किये जाते हैं। नियमों के अनुसार खिलाड़ी को चोट लगने के बाद कुछ देर मैदान से बाहर बैठना जरूरी है।'
चहल की तारीफ में पढ़े कसीदे
वहीं मांजरेकर ने फिजियो के मैदान पर न आने को लेकर टीम की आलोचना की है लेकिन चहल की शानदार गेंदबाजी की तारीफ करते हुए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुने जाने पर खुशी भी जताई है।
उन्होंने कहा,'मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि चहल को यह मौका मिला और मुझे लगता है कि विराट ने खुद भी काफी इमानदारी से इस बात को माना कि भाग्य ने अचानक करवट ली। विराट ने माना कि चहल ने अच्छी गेंदबाजी कि जो कि शायद कोई और करता तो वैसा रिजल्ट नहीं आ पाता। भारतीय टीम के लिये चहल बोनस की तरह रहे और सबसे खुशी की बात यह रही कि भारतीय टीम ने 160 रनों के स्कोर को पार किया।'