मिला मेहनत का नतीजा
22 साल के सरफराज ने कहा, ''यूपी से लौटने के बाद एक सा तक ठोकर खाने से काफी कुछ सीख गया हूं। बड़ी पारी खेलना इसी का परिणाम है।''। एक बेवसाइट से बात करते हुए सरफराज ने आगे कहा कि मैंने जो एक वर्ष तक मेहनत किया है यह उसी का नतीजा है। जो आप देख रहे हैं, वह पहले वाला सरफराज नहीं है। पहले मैं आसानी से अपना विकंट गंवा बैठता था, लेकिन अब बड़ी पारी खेलना सीख गया हूं।''
तीहरे शतक की है उम्मीद
सरफराज ने महज 199 गेंदों में दोहरा शतक पूरा किया। दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक उन्होंने 213 गेंदों में नाबाद 226 रन बना लिए हैं जिसमें 34 चाैके व 4 छक्के शामिल हैं। सरफराज को उम्मीद है कि वो अपने करियर का दूसरा तिहरा शतक भी पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा, ''मैने पिछले मैच में तिहरा शतक पूरा किया था। एक बार फिर मेरे पास मौका है और टीम की जरूरत भी है। अगले दो दिन बारिश की संभावना जताई गई है। देखते हैं बल्लेबाजी का मौका मिलता भी है या नहीं। लेकिन अगर मिला तो तिहरा शतक पूरा करने पर कोशिश रहेगी।''
जो भी हूं पिता की वजह से हूं
सरफराज को आईपीएल में कई माैके मिले लेकिन वो कुछ खास कमाल नहीं कर सके। लेकिन अब लय पकड़ने पर सरफराज ने पिता नौशाद खान को श्रेय दिया। सरफराज ने कगा, ''मैं जब-जब गिरा तो मेरे पिता साथ रहे। वह हर मोड़ पर मेरे साथ रहे और हमेशा सपॉर्ट किया। मैं जो कुछ भी हूं उन्हीं की वजह से हूं। अगर उनकी सपोर्ट ना होती फिर ऐसी वापसी कर पाना मेरे लिए मुश्किल हो जाता। गाैरतलब है कि सरफराज ने उत्तर प्रदेश के खिलाफ इसी सीजन में 391 गेंदों में 30 चौके और 8 छक्के की मदद से नाबाद 301 रन बनाए थे।