आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर तक के लिए टाल दिया है। वहीं याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। वर्मा का कहना है कि एक तरफ जहां बीसीसीआई को आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए तो वहीं उससे उलट बीसीसीआई आरोपियों को बचाने में जुटी है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि श्रीनिवासन आइपीएल टीम के मालिक होने के साथ बीसीसीआई अध्यक्ष के पद पर कैसे रह सकते हैं। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे नें सुप्रीमो कोर्ट से अपील की है कि मुद्गल कमेटी की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को करेगा। मामले में याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने उम्मीद जतायी है कि सुप्रीम कोर्ट आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग में ऐतिहासिक फैसला सुनाएगी।