नई दिल्ली। बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया यानि बीसीसीआई के अधिकारियों के कार्यकाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज अपना अहम फैसला सुना सकता है। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज के कार्यकाल पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। क्या इन तीनों के कार्यकाल को आगे बढ़ाया जा सकता है इसका फैसला आज सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर है, लिहाजा हर किसी की नजर आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर होगी।
कार्यकाल बढ़ाया गया है
लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार सौरव गांगुली, जय शाह और जॉर्ज को सही मायने में अपना कार्यकाल पूरा कर लेना चाहिए था, लेकिन कोरोना के चलते इन अधिकारियों के कार्यकाल को कई बार आगे बढ़ाया गया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट इनके कार्यकाल को आगे बढ़ाए जाने को लेकर एक याचिका दायर की गई है और बीसीसीआई के मौजूदा संविधान में संशोधन की इजाजत मांगी गई है। यह याचिका कुछ महीनों पहले दायर की गई थी, जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है।
उच्च महत्ता का केस
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच को इस मामले की सुनवाई के लिए नियुक्त किया गया है। इस बेंच की अध्यक्षता जस्टिस एल नागेश्वर राव करेंगे। जबकि दूसरे जज जस्सिट विनीत सरन हैं। बेंच ने इस मामले में उच्च महत्ता का बताया है और इसपर फैसला बिना किसी देरी के आना चाहिए। मौजूद नियम के अनुसार जॉर्ज, गांगुली और शाह को कम से कम 3 साल तक बीसीसीआई के पद से दूर रहना जरूरी है, अगर इन अधिकारियों ने बीसीसीआई में 6 साल का कार्यकाल पूरा किया है। बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने से पहले सौरव गांगुली क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल के ज्वाइंट सेक्रेटरी थे, जबकि जय शाह गुजरात क्रिकेट असोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी थे।
6 बार टाला जा चुका है
कोरोना की पाबंदियों के बावजूद जस्टिस राव ने इस मसले को जरूरी बताते हुए कहा कि इसपर जल्द फैसला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस तरह से मामले को टाल नहीं सकते हैं। हमने पहले ही इसे 6 बार टाला है, अब इसे नहीं टालना है। हम इसे अब नहीं टालेंगे, इसे 23 मार्च के लिए लिस्ट किया जाए। 16 फरवरी के फैसले में जस्टिस राव ने यह टिप्पणी की थी लेकिन 23 मार्च को इसपर फैसला नहीं आ सका था क्योंकि जस्टिस राव दूसरे केस को लेकर व्यस्त थे। इस बीच बीसीसीआई अपने संविधान में 6 संशोधन की तैयारी में है जिसे जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपनी मंजूरी दे दी है।