नई दिल्ली। साल 2011 भारत के क्रिकेट इतिहास के लिए बहुत खास रहा। एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप में भारत ने अपने नाम दूसरी बार विश्व कप किया। यूं तो जीत में हर खिलाड़ी नेे अपना अपना योगान दिया लेकिन एक कहानी और भी है जिसे वीरेंद्र सहवाग ने दुनिया के सामने बताया है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने उस रात धोनी को एक सलाह देकर क्रिकेट इतिहास में धोनी का नाम हमेश के लिए अमर कर दिया। इस कहानी से खुद पर्दा वीरेंद्र सहवाग ने उठाया।
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वर्ल्ड कप 2011, वानखेड़े स्टेडियम में उस समय पिच पर गंभीर और विराट बल्लेबाजी कर रहे थे। युवराज सिंह अपने जीवन के सबसे बेहतरीन फॉर्म में थे। धुंआधार बल्लेबाजी और शानदार गेंदबाजी से मैन ऑफ द सीरीज बने युवी को वर्ल्ड कप के फाइनल में विराट के आउट होने के बाद बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजा गया तो पूरी दुनिया हैरान रह गई लेकिन इसके पीछे की कहानी के स्क्रिप्ट लिखने वाले हैं सचिन तेंदुलकर जिन्होंने पहली बार माही को डायरेक्ट मैसेज पास किया।
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जब सचिन और सहवाग एक साथ बैठकर ड्रेसिंग रूम में मैच देख रहे थे ठीक उसी पल माही ड्रेसिंग वहां आए सचिन ने माही से कहा "अगर राइटी आउट हुआ तो राइटी जा और अगर लेफ्टी आउट हो तो लेफ्टी जाना, इतना कहने के बाद माही जैसे ही टॉयलेट गया, थोड़ी देर बात विराट कोहली आउट हो गए और सचिन की बात मानकर माही ने युवराज को भेजने की जगह खुद को प्रमोट किया और बाकी क्या हुआ पूरी दुनिया जानती है। युवराज को पहले नहीं भेजने पर आज तक पूरी दुनिया में क्रिकेट फैंस और आलोचकों के बीच माही अपने निर्णय पर आलोचना झेलते हैं लेकिन यह फैसला उनका नहीं बल्कि खुद क्रिकेट के भगवान का था।धोनी इसके बाद मैदान पर गए और शानदार 91 रनों की पारी खेली और भारत की जीत की नई इबारत लिखी।