नई दिल्ली: पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर क्रिकेट की एक पीढ़ी को प्रभावित करने वाले तेज गेंदबाज रहे हैं। अपनी तेज गति से तत्कालीन बल्लेबाजों में खौफ पैदा करने वाले अख्तर के लिए करियर इतना आसान कभी नहीं रहा जितना की बाहर से दिखाई देता है। उन्होंने हाल ही में अपने करियर के दौरान सबसे बड़ी तकलीफ बनी घुटने की चोट का जिक्र का किया है।
यह कभी कोई छुपी बात नहीं रही कि रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर अख्तर पूरे करियर के दौरान ही घुटने की समस्या से जूझते रहे। इस दौरान उनको भंयकर दर्द का सामना भी करना पड़ा। शोएब ने अपने करियर समापन के 10 साल बाद बताया है कि हर मैच के बाद किस तरह से डॉक्टर लोग उनके घुटनों से खून निकाला करते थे। साथ ही अख्तर को यह भी बता दिया गया था कि वे केवल दो साल तक ही अपने क्रिकेट जारी रख सकते हैं।
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अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर उस दौर को याद करते हुए बताया- 'मैं पहले टेस्ट मैच के बाद डॉक्टर के पास गया और उन्होंने बताया केवल दो ही साल और खेल सकता हूं। डाक्टर लोग हर मैच के बाद मेरे घुटने से खून निकाला करते थे। साथी क्रिकेटर यह सोचते थे कि मैं किसी क्लब में जाता हूं पर हकीकत में मैं हॉस्पिटल में मुझे चार सुईयां लगाई जाती थी।'
शोएब ने हालांकि हार नहीं मानी और दर्द में खेलने का फैसला किया। उनके अपना अंतरराष्ट्रीय करियर 14 साल तक खिंचा। अख्तर ने ताजा बातचीत में यह भी बताया है कि उनको ऑस्ट्रेलिया में अपने घुटने की सर्जरी करानी होगी। अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया में अख्तर का घुटना बदला जाएगा जिसके बाद शायद उन्हें घुटने के दर्द से कुछ निजात मिल पाए।