दिया अजीबोगरीब बयान
अख्तर ने बीबीसी के पॉडकास्ट में बात करते हुए कहा, ''मैं कुश्ती नहीं करता। दूसरों के प्रति अपना प्यार दिखाने का यह मेरा रास्ता है। जब मैं किसी को पसंद करता तो मैं उन्हें चोटिल करता हूं। युवराज सिंह, शाहिद अफरीदी और अब्दुल रज्जाक के साथ मैंने यही किया। तो आप कह सकते हैं कि मेरा तरीका थोड़ा जंगली है। मेरी युवावस्था में यह काफी मूर्खतापूर्ण था। मैंने अपनी ताकत को कभी ठीक से नहीं समझा।''
पाकिस्तान के पास कुछ ही असली तेज गेंदबाज बचे हैं
इसके अलावा अफरीदी ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि पाकिस्तान के पास अब कुछ ही तेज गेंदबाज बचे हैं। अख्तर ने कहा, "दस साल पहले, गेंदबाज 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे और अब वह अचानक से 135 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने लगे। अब हमारे पास कुछ ही असल गेंदबाज बचे हैं। पहले दक्षिण अफ्रीका के पास अकेले छह होते थे।"
100 मील प्रति घंटे की सीमा तोड़ना बड़ी बात नहीं थी
अख्तर ने 2003 में 100 मीटर प्रति घंटे का रिकॉर्ड बनाकर नया इतिहास रचा था। उन्होंने बताया कि वह इसके लिए किस तरह की ट्रेनिंग करते थे। उन्होंने कहा, ''मेरे लिए 100 मीटर प्रति घंटे की सीमा को पार करना कोई बड़ा काम नहीं था। यह सब मीडिया हाइप थी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट गिमिक। यह तेज गेंद फेंकने के लिए मुझे कुछ नहीं मिला। अल्लाह जानता है कि मैंने इसके लिए ट्रेनिंग ली और इसमें सफल हो गया। मैं इसके लिए 26 यार्ड्स पर गेंदबाजी करता था, जो क्रिकेट गेंद से आसान नहीं है। जब मैं 22 यार्ड पर गेंदबाजी करने लगा तो मैं लगभग छह किलोमीटर तेज रफ्तार से गेंद फेंक रहा था।''