क्या बोले कोहली?
कोहली ने कहा कि अय्यर उन्हें भारतीय टीम में उनके शुरुआती दिनों की याद दिलाते हैं। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘जब मैं टीम में आया तो मैं भी ऐसा ही था, मौका मिलने पर मैं अपनी टीम के लिए मैच जीतना चाहता था और स्थिति के अनुसार खेलना चाहता था। आपको जोखिम लेने होंगे, उसने दबाव की स्थिति में साहस दिखाया।' उन्होंने आगे कहा कि हम थोड़ा दबाव में थे लेकिन अय्यर की पारी मैच का रुख बदलने वाली साबित हुई। मुझे लगता है कि श्रेयस जिस तरह खेला उसने मेरे ऊपर से सारा दबाव हटा दिया और मैं अपना स्वाभाविक खेल दिखा पाया और एक छोर से गेंद को नियंत्रित कर पाया। बता दें कि कोहली ने भी 99 गेंदों में नाबाद 114 रनों की पारी खेली।
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पूर्ण नियंत्रण में खेले अय्यर
अय्यर ने अंतिम दो मैचों में कोहली के साथ 125 और 120 रन की साझेदारियां की। कोहली ने श्रेयस की तारीफ करते हुए कहा, "वह इन परिस्थितियों में प्रदर्शन करने की अहमियत को समझता है। उसने बहुत ही विश्वास के साथ खेला और भविष्य में टीम इंडिया के मध्यक्रम का नियमित रूप से हिस्सा बनने के लिए मजबूती से अपना दावा पेश किया है। हम चाहते हैं कि सभी अलग-अलग बल्लेबाजी क्रम पर जिम्मेदारी लें और उसने बखूबी जिम्मेदारी निभाई। वह पूरी तरह से पूर्ण नियंत्रण में खेले और गेंदबाजों पर लगातार दबाव बना रहे थे।"
पहले 10 ओवर में नवर्स थी टीम
कोहली ने हालांकि स्वीकार किया कि क्रिस गेल और एविन लईस की विंडीज की सलामी जोड़ी ने जब 10 ओवर में 114 रन बना लिए थे तो उनकी टीम नर्वस थी। उन्होंने कहा कि असल में यह अच्छा रहा कि हमें अधिक ओवर फेंकने का मौका मिला और हम विकेट हासिल करने में सफल रहे, वरना हमने जितने ओवर फेंके थे, हमें 280 रन के करीब का लक्ष्य मिलता। धीमी हो रही पिच पर यह बेहद मुश्किल होता।
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