नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम में किस तरह से दिन-प्रतिदिन नए खिलाड़ियों को माैका मिल रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। यही कारण है कि कई खिलाड़ी अपनी जगह पक्की करने में इसलिए पीछे रह जाते हैं क्योंकि उन्हें खुद को साबित करने के लिए ज्यादा माैके दिए नहीं जाते। युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर का भी कुछ ऐसा ही मानना है जिन्हें विंडिज दाैरे पर तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए चुना गया है। अय्यर का मानना है कि टीम में अंदर बाहर होने से किसी खिलाड़ी का आत्मविश्वास टूटता है।
अय्यर ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू के दाैरान कहा कि अगर आप बेहतरीन प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं तो आपको खुद को साबित करने और परिस्थितियों के अनुकूल ढलने के लिए कुछ मौकों की जरूरत है। अगर आप टीम के अंदर बाहर होते रहते हैं तो यह खिलाड़ी के आत्मविश्वास के लिए एक अच्छा नहीं है और आप खुद की प्रतिभा पर शक करना शुरू कर देते हो। अगर आप एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं तो आपको कुछ समय चाहिए। घरेलू और ए स्तर पर लगातार निरंतर प्रदर्शन करने वाले अय्यर ने कहा कि कभी कभार आप धैर्य भी खोने लगते हो लेकिन एक ही मंत्र है कि अच्छा प्रदर्शन करें।
यह पूछने पर कि जब आपकी लगातार अनदेखी की जाती है तो उन्होंने कहा,''हां, आप संयम खोना शुरू कर देते हो लेकिन चयन आपके हाथों में नहीं होता। आप सिर्फ प्रदर्शन, प्रदर्शन और प्रदर्शन ही कर सकते हो और मुझे यही करने में मजा आता है।'' उन्होंने आगे कहा कि आपको प्रदर्शन करते रहना होता है और लोगों को यह दिखाते रहना होता है कि आप शीर्ष स्तर पर खेलने के काबिल हो। एक बार आप ऐसा कर लेते हो तो आप कभी भी मुड़कर नहीं देखते। मुंबई के इस खिलाड़ी ने 6 वनडे और इतने ही टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।
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इंडियन प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के कप्तान (24 साल) अय्यर ने सात साल में पहली बार अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स को प्लेऑफ में पहुंचाया। वह कैरेबियाई सरजमीं में होने वाली आगामी सीमित ओवरों की श्रृंखला की तैयारी में जुटे हैं। वह दूसरी बार राष्ट्रीय टीम में शामिल हुए हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें कुछ और मौके मिलें जिससे उन्हें टीम में जगह पक्की करने में मदद मिलेगी।